आत्मरक्षा करने के लिए आत्मविश्वास होना जरूरी है और आत्मरक्षा का प्रशिक्षण लेकर आत्मविश्वास बढ़ाया जा सकता है। यह कहना है छात्रा राधिका सक्सेना का। अब आप सोच रहे होंगे कि राधिका आखिर है कौन? चलिए तो हम आप को राधिका के बारे में कि ये लड़की कौन है और ऐसा क्या काम कर रही है जो चर्चा का विषय बनी हुई है।

बढ़ रही छेड़छाड़ की घटनाओं को रोकने का उठाया बीड़ा

चलिए पहले हम आप को राधिका सक्सेना के बारे में बता देते हैं। राधिका सक्सेना इटावा जिला के विनीत विहार कॉलोनी में अ पने परिवार के साथ रहती हैं। वह चौधरी हुकुम देव कुंवर महाविद्यालय इकदिल में बीए प्रथमवर्ष की छात्रा है। राधिका के पिता प्रदीप सक्सेना LIC एजेंट हैं जबकि माता सुमन सक्सेना ग्रहणी हैं। राधिका इस समय लड़कियों को स्कूल कॉलेजों में जाकर आत्मरक्षा के गुर सिखा रही हैं। आज भी उन्होंने कम से कम 50 से अधिक बीटीसी की छात्राओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग कॉलेज में दी। उन्होंने आत्मरक्षा के कई टिप्स भी दिए। राधिका ने uttarpradesh.org से खास बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने जुडो कराटे की ट्रेनिंग इसलिए ली है ताकि वह लड़कियों के भीतर आत्मरक्षा के गुर इस कदर भर दें कि अगर लड़कियों की तरफ कोई आंख उठाकर भी देखे तो वह उनका डटकर सामना कर पायें।

[foogallery id=”169940″]

मां के प्रोत्साहन से सपना हुआ साकार

राधिका से जब हमारे संवाददाता ने पूछा कि उन्हें ये प्रेरणा कहां से मिली तो उन्होंने इसका श्रेय अपनी मां को दिया। राधिका ने बेबाकी से जबाब देते हुए कहा कि एक बार उनकी मम्मी अखबार पढ़ रही थी। उसमें निकला हुआ था कि लड़कियों के साथ आजकल छेड़छाड़ की घटनाएं काफी बढ़ रही है। क्यों न अपनी बेटी को जुडो कराटे सिखाया जाये। मां ने इसके बाद अपनी बेटी का दाखिला एक इंस्टीटूट में करवा दिया। इसके बाद राधिका ने कराटे सीख लिए अब वह स्कूल कॉलेजों में जाकर लड़कियों लड़कियों को खास करके जूडो कराटे सिखा रही हैं। ताकि छेड़छाड़ की घटना के समय लड़कियां खुद शोहदों को मुंहतोड़ जबाब देकर सबक सिखा सकें।

चार से बारह सप्ताह का समय आत्मरक्षा के लिए पर्याप्त

राधिका ने बताया कि आत्मरक्षा के लिए कम से कम चार और अधिक से अधिक 12 सप्ताह का प्रशिक्षण पर्याप्त है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान वह लड़कियों को पंच मारने से लेकर खुद की सुरक्षा करना सिखाती हैं। 12 सप्ताह का प्रशिक्षण लेने के बाद लड़कियों का आत्म विश्वास बढ़ता है और वह घर से बाहर निकलकर खुद को सुरक्षित महसूस करने लगती हैं। यदि कोई मनचला उनसे छेड़छाड़ का प्रयास करता है तो वह उसका आसानी से विरोध कर सकती हैं। उन्होंने दावे के साथ कहा कि दो लड़कियां अच्छी खासी कदकाठी वाले लड़के को सबक सिखा सकती हैं।

जिले तीसरा स्थान प्राप्त करने पर मिला सम्मान

इटावा महोत्सव में इस लड़की ने कला दिखाकर लोगों का दिल जीत लिया। इटावा प्रदर्शनी में इस छात्रा को जिले में तीसरा स्थान प्राप्त होने पर सम्मानित भी किया गया। राधिका को इंटरनेशनल जुडो कराटे से भी सम्मानित किया गया। इस छात्रा को कला सिखाने वाले अध्यापक बीएस जैन ने बताया कि सभी छात्र-छात्राओं को कला सीखनी चाहिए। अगर हम भगवान की मूर्ति को भी देखे तो भी एक कला से बनी है इसलिए सभी को कला सीखनी चाहिए।

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें