उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक मासूम को अगवा करके उसको मौत के घाट उतार दिया गया। बच्चे की बॉडी पास के ही प्लाट में पड़ी मिली, जिससे इलाके में हड़कम्प मच गया। मृतक बच्चे के परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। उधर सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज कर अपनी जांच शुरू कर दी है। लेकिन बच्चे की मौत अभी भी लोगो के लिए पहेली बनी हुई है।

जानकारी के मुताबिक, मेरठ के लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र के समर गार्डन 60 फूटा रोड पर मेहबूब अपने परिवार के साथ रहता है। मेहबूब मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार लालन पालन कर रहा था। लेकिन आज मेहबूब के परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा। मेहबूब के एक करीब 7 साल के बेटा मन्नान था, जो आज इस दुनिया में नहीं रहा। मन्नान अपने ही पड़ोस में खेलने गया था। लेकिन देर शाम तक भी वह घर वापस नहीं लौटा। परिजनों ने सब जगह तलाश शुरू कर दी, लेकिन मासूम का कोई सुराग न लगा। परिजनों के मन मे मन्नान के अपहरण की आशंका जगी तो परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। हालांकि जब तक पुलिस पहुंचती तब तक परिजनों को ही मन्नान पास के ही प्लाट में मृत अवस्था में पड़ा मिला।

बच्चे के प्राइवेट पार्ट से पानी बह रहा था, इसके अलावा बच्चे के शरीर पर कोई भी चोट का निशान नहीं था। परिजनों का आरोप है पहले बच्चे के साथ कुकर्म किया गया और फिर उसे प्राइवेट पार्ट में पानी चढ़ाया गया। जिससे सबुत मिट जाए और विक्टिम भी खत्म हो जाए। आरोप है मासूम मन्नान को तड़पा-तड़पा कर मारा गया है। इस घटना के बाद से परिवार को रो-रोकर बुरा हाल है। जबकि पुलिस ने शव पीएम के लिए भेज कर अपनी जांच शुरू कर दी है।

हालांकि अभी पुलिस को पीएम रिपोर्ट का भी इंतज़ार है। जिससे मन्नान की मौत किस प्रकार की गई है स्पस्ट हो सके। लेकिन सवाल ये कि योगी राज में भी बदमाश पुलिस को बौना साबित कर इस प्रकार की घिनोनी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। हत्या चाहे जैसे हुई हो, लेकिन आखिरकार एक मासूम इस दुनिया मे ढंग से आने से पहले ही मौत को प्यारा हो गया, और इससे बड़ी बात ये कि कानून-व्यवस्था का दम्भ भरने वाली मेरठ पुलिस इस तरह के मामलों समय रहते रोक पाने में नाकामयाब ही रही हैं। मेरठ पुलिस केवल नेताओं से गाली खाने के अलावा कुछ भी नहीं कर रही पा रही है।

इस तरह की घटना को अंजाम देने वाले आरोपी मुखर हो रहे हैं और इनकी हिमायत में खड़े नेता भी पुलिस पर भारी साबित हो रहे हैं। लेकिन अब देखना ये भी होगा कि एक घर के चिराग को बुझाने वालों पर पुलिस कब तक अपना शिकंजा कसेगी और इस तरह की करतुत करने वाले वहसियों को समाज मे बेनकाब करके कबं तक सलाखों के पीछे भेजेगी।

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