उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की बदतर हालत का सबसे अच्छा वर्णन करने के लिए बाराबंकी जिले के एक सरकारी स्कूल की एक तस्वीर ही काफी है. जो यूपी की शिक्षा व्यवस्था और सुविधाओं की पोल खोलने का काम करती है. ये तस्वीर राजधानी लखनऊ से सटे जिले बारबाँकी के एटा सरकारी प्राथमिक विद्यालय की है. इस फोटो में स्कूल में छात्र बैठे हैं, जिनके एक हाथ में छाता है और दूसरे हाथ में उनकी किताब व कॉपी.

बाराबंकी के एटा प्राथमिक विद्यालय की जर्जर इमारत:

ये फोटो किसी रचनात्मक सोच का परिणाम नहीं बल्कि सुविधा और अव्यवस्था के बीच सरकारी स्कूलों में पढने वाले छात्रों की मज़बूरी हैं. एक हाथ में छाता और दूसरे हाथ में पेन/ पेन्सिल लिए लिखने में लगे ये छात्र क्लास की टपक रही छत से बचने के लिए इस तरकीब के साथ पढने में लगे रहते हैं.

[penci_blockquote style=”style-3″ align=”none” author=””]कक्षा एक में पढ़ने वाली छात्रा मुस्कान ने स्कूल की हालत के बारे में बताते हुए कहा कि जैसे की आप देख रहे हैं कि हमारी कक्षा की छत से पानी टपक रहा है, इसलिए हमारे पास छाता लेकर पढने के अलावा और कोई रास्ता नहीं हैं. हम सब हमेशा अपनी क्लास में छाता लेकर आते हैं.[/penci_blockquote]

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=”” font_weight=”bold”]डर लगता है कि कहीं स्कूल गिर न जाये..!!![/penci_blockquote]

मुस्कान ने आगे बताया कि स्कूल की इमारत की स्थिति खराब होने की वजह से ज्यादातर हमारे माता पिता हमें स्कूल आने से मना करते हैं. यहाँ की हालत हमे डराती है. ये भी डर बना रहता है कि न जाने कम हमारे स्कूल की बिल्डिंग गिर जाए.

अभिभावक बच्चों को नहीं भेजना चाहते स्कूल:

स्कूल की शिक्षिका सुनीता मिश्रा ने बताया कि ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों का नाम स्कूल से कटवाना चाहते हैं, क्योंकि स्कूल की इमारत सुरक्षित नहीं हैं.

उन्होंने ये भी बताया कि छत के टपकने के कारण बच्चों की स्कूल में उपस्थिति भी कम हो गयी हैं. बता दें कि स्कूल में सिर्फ दो कमरें हैं और वो भी पूरी अवस्था में.

स्कूल की शिक्षिका ने बताया कि स्कूल के हालातों को लेकर कई बार शिक्षा विभाग, नगर पालिका और नगर पंचायत में शिकायत की गयी, पत्र भेजे गये, लेकिन कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया.

बेसिक शिक्षा मंत्री ने दिए छात्रों के लिए स्कूल बिल्डिंग बदलने के निर्देश:

गौरतलब है कि स्कूल जिला मुख्यालय से कुछ ही किलों मीटर की दूरी पर है. जब इस बारे में बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जयसवाल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये बहुत आश्चर्य की बात है कि बच्चे क्लास में छाता लेकर बैठते हैं.

बेसिक शिक्षा मंत्री ने इस मामले की जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा कि हम छात्रों को किसी दूसरी बिल्डिंग में स्थानांतरित करवाएंगे क्योंकि हम बच्चों की सुरक्षा के साथ कोई लापरवाही नहीं बरत सकते.

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]स्कूल की मरम्मत के लिए फंड जारी: [/penci_blockquote]

वहीं इस मामलें में बाराबंकी बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार ने कहा कि ये मामला अब संज्ञान में आया है.

[penci_blockquote style=”style-3″ align=”none” author=””]मैंने ब्लाक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित कर दिया है कि छात्रों को किसी दूसरी बिल्डिंग में अस्थाई तौर पर स्थान्तरित करवाया जाये और इसकी रिपोर्ट दी जाये. उन्होंने ये भी बताया कि स्कूल की मरम्मत के लिए फंड भी जारी करवा दिया गया है.[/penci_blockquote]

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