उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिला के स्याना कोतवाली क्षेत्र के चिंगरावटी चौकी क्षेत्र में गोकशी मामले को लेकर सोमवार को हुए बवाल में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की मौत हो गई थी। मंगलवार को सुबह पुलिस लाइन में अंतिम सलामी दी गई और इसके बाद उनके पैतृक गांव तर्गनवा जनपद एटा के लिए पार्थिव शरीर को तिरंगा में लपेटकर भेजा गया। इंस्पेक्टर की मौत से सभी पुलिसकर्मियों की आंखे नम थी। एडीजी जोन मेरठ प्रशांत कुमार ने बताया कि शहीद इन्स्पेक्टर के पैतृक गांव में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद इन्स्पेक्टर को देखने के लिए भारी संख्या में लोग मौजूद थे। उनकी शव यात्रा पर फूलों की बारिश हो रही थी। वहीं शहीद की पत्नी बदहवास में होकर बेहोश हो जा रही थी।

बता दें कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में इंस्पेक्टर सुबोध को गोली लगने (बुलेट इंजरी) की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, बुलेट उनकी बाईं भौंह से होते हुए सिर के अंदर चली गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पॉइंट 32 बोर के हथियार से गोली चलने की बात सामने आई है। बता दें बुलंदशहर जनपद में सोमवार को कथित तौर पर गोकशी के बाद मचे बवाल में गुस्साई भीड़ ने स्याना थाने के इंस्पेक्टर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। गुस्साई भीड़ ने इस दौरान पुलिस पर पथराव करते हुए पुलिस के कई वाहनों और चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी। मामले की सूचना मिलने के बाद कई थानों की पुलिस और आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए और हालात को काबू किया।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]सीएम ने किया 50 लाख रुपये की सहायता का ऐलान[/penci_blockquote]
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बुलंदशहर में हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया और इस घटना में शहीद हुए पुलिस इंस्पेक्टर के परिजन को कुल 50 लाख रुपये की सहायता का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने दो दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश भी दिया है। मुख्यमंत्री ने इस सिलसिले में देर रात एक बयान जारी किया। उन्होंने बुलन्दशहर के चिंगरावठी इलाके में गोवंशीय पशुओं के अवशेष मिलने को लेकर उग्र भीड़ द्वारा की गई हिंसा में स्याना के कोतवाल इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह तथा स्थानीय निवासी सुमित की मृत्यु पर गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने शहीद पुलिस अफसर की पत्नी को 40 लाख रुपए और उनके माता-पिता को 10 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की। साथ ही आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया। योगी ने अपर पुलिस महानिदेशक (अभिसूचना) एसबी शिरडकर को तत्काल मौके पर जाकर दो दिन में पूरे मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि जांच रिपोर्ट में घटना के कारणों तथा दोषी व्यक्तियों का विवरण भी शामिल किया जाए।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]दादरी में मोहम्मद अखलाक लिंचिंग मामले में जांच अधिकारी थे इंस्पेक्टर सुबोध [/penci_blockquote]
बता दें कि बुलंदशहर के स्याना गांव में सोमवार को गोकशी की अफवाह के बाद फैली हिंसा में मारे गए पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह दादरी में मोहम्मद अखलाक लिंचिंग मामले में जांच अधिकारी थे। बता दें कि घर में गाय का मांस रखने की अफवाह के बाद भीड़ ने मोहम्मद अखलाक और उनके बेटे पर घर में घुसकर हमला कर दिया था, जिसमें अखलाक को काफी चोटें आईं। उन्हीं चोटों की वजह से अखलाक की मौत हो गई थी। इस केस में इंस्पेक्टर सुबोध गवाह नंबर-7 थे। इस केस की जांच में सुबोध कुमार सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और तय समय पर सभी जरूरी सबूत भी इकट्ठा कर लिए थे। हालांकि उन पर जांच के दौरान पार्दर्शिता न बरतने के आरोप लगे, जिसकी वजह से उन्हें केस के बीच में ही वाराणसी ट्रांसफर कर दिया गया था।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]अखलाक केस में गवाह नंबर-7 थे इंस्पेक्टर सुबोध [/penci_blockquote]
बिसाहड़ा में भी गोमांस को लेकर बवाल हुआ था। यहां 28 सितंबर 2015 की रात गोमांस रखने के शक में इखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया था। साथ ही यह गांव राजनीति का गढ़ बन गया था। यह गांव जारचा कोतवाली के तहत आता है। उस समय जारचा में सुबोध कुमार ही प्रभारी थे। उनकी अगुवाई में ही पुलिस की टीम ने बिसाहड़ा कांड का खुलासा कर गिरफ्तारियां की थीं। वह बिसाहड़ा कांड के जांच अधिकारी रहे हैं। इसी के आधार पर बिसाहड़ा कांड की चार्ज शीट तैयार हुई थी। चार्जशीट के अनुसार वह बिसाहड़ा कांड में गवाह नंबर-7 हैं। यूपी एडीजी (लॉ ऐंड ऑर्डर) आनंद कुमार ने बताया, ‘सुबोध कुमार सिंह 28 सितंबर 2015 से 9 नवंबर 2015 तक अखलाक लिंचिंग मामले में जांच अधिकारी थे। बाद में इस मामले में चार्जशीट किसी अन्य जांच अधिकारी ने फाइल की थी।’ सुबोध कुमार सिंह मूल रूप से एटा जिला के तर्गनवा गांव के रहने वाले थे। मेरठ में भी उनका घर है, लेकिन तीन साल पहले ही उनका ट्रांसफर गाजियाबाद हुआ था। स्याना कोतवाली में तैनात सुबोध कुमार सिंह हाल ही में मथुरा के वृंदावन से बुलंदशहर स्थानांतरित होकर आए थे।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]400 लोगों की भीड़ ने 18 वाहनों और पुलिस चौकी को फूंका[/penci_blockquote]

उत्तर प्रदेश का बुलंदशहर सोमवार को गोकशी की आग में जल उठा। कथित गोहत्या के शक में उपजी हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार समेत दो लोगों की मौत हो गई। घटना के प्रत्यक्षदर्शी सब इंस्पेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि करीब 300 से 500 लोगों ने पूरे पुलिस बल पर धावा बोला था। सुरेश कुमार ने बताया, ‘भीड़ ने सड़क जाम कर दी और पुलिस पर पत्थरबाजी करने लगे। उस समय वहां करीब 300 से 500 लोग थे। पूरी पुलिस बल पर हमला किया गया। मैं खुद भी घायल हो गया और इसके बाद मुझे नहीं पता क्या हुआ? बता दें कि बुलंदशहर में हुई इस हिंसा में 25-30 पशुओं का वध किये जाने की आशंका है। 400 लोगों की भीड़ ने जमकर उत्पात किया। उपद्रवियों ने 18 वाहनों को फूंक दिया। एक पुलिस चौकी को भी आग के हवाले कर दिया। सीओ को चौकी में बंधक बना दिया, जिन्हें दीवार तोड़कर बाहर निकाला गया। भीड़ को काबू करने के दौरान पुलिस ने फायरिंग की। उपद्रवियों ने पथराव और फायरिंग की इसमें पुलिसकर्मियों सहित डेढ़ दर्जन लोग जख्मी हो गए।

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