राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने समाजसेवी अन्ना हजारे को ओपेन लेटर लिखा है जिसमें उन्होंने मोदी सरकार को लेकर उन की चुप्पी पर सवाल उठाये हैं। पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि आज किसान सर्वाधिक दुखी है। कृषि संकट में है। युवा बेरोज़गार घूम रहा है। सीमा पर रोज़ सैनिक शहीद हो रहे हैं। किसान रोज़ आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी व जीएसटी के दुष्प्रभाव से व्यापार -व्यवसाय चौपट है। महँगाई चरम पर है। चारों और भ्रष्टाचार का बोल बाला है। देश बेहद नाज़ुक दौर से गुज़र रहा है। इसके बावजूद भी अन्ना हजारे 4 साल से मोदी सरकार के खिलाफ चुप है।

भ्रष्टाचार , मज़बूत लोकपाल , चुनाव सुधार पर आपकी 4 वर्ष तक की चुप्पी पर….

पत्र में कहा गया है कि ‘उपरोक्त विषय के संदर्भ में निवेदन है कि आपने व आपकी टीम जिसमें अरविंद केजरीवाल से लेकर कुमार विश्वास , किरण बेदी ने तत्कालीन केंद्र की कांग्रेस सरकार के ख़िलाफ़ वर्ष 2011 से एक माहौल देश भर में खड़ा किया….

आपने कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचार से निपटने में नाकाम बताते हुए मज़बूत लोकपाल , लोकायुक्त व चुनाव सुधार की माँग को लेकर निरंतर अभियान चलाया….

इस अभियान के माध्यम से देशवासियों को गुमराह करने में आप व आपकी टीम कामयाब रही….
देश में ऐसा लगने लगा कि कांग्रेस सरकार के जाते ही , देश से सारी बुराइयाँ समाप्त हो जायेगी…देश भ्रष्टाचार मुक्त बन जायेगा….भ्रष्टाचार से लड़ने के लिये एक मज़बूत लोकपाल देश में आयेगा….किसान से लेकर युवा व सभी ख़ुश रहेंगे और देश वापस से सोने की चिड़िया बन जायेगा…. देश ने इन्हीं सारी उम्मीदों के साथ मोदी सरकार को देश की सत्ता की चाबी सौंप दी….

मोदी सरकार को सत्ता में आये 4 वर्ष होने जा रहे है…. इन 4 वर्षों में देश को सपने तो अच्छे दिन के दिखाये गये थे लेकिन देश बेहद बुरे दिन देख रहा है….

आजतक ना तो एक मज़बूत लोकपाल , लोकायुक्त बन पाया और ना ही देश भ्रष्टाचार मुक्त बन पाया….
आज किसान सर्वाधिक दुखी है….कृषि संकट में है….युवा बेरोज़गार घूम रहा है….सीमा पर रोज़ सैनिक शहीद हो रहे है….किसान रोज़ आत्महत्या कर रहे है….

नोटबंदी व जीएसटी के दुशप्रभाव से व्यापार -व्यवसाय चौपट है…महँगाई चरम पर है….चारों और भ्रष्टाचार का बोल बाला है…देश बेहद नाज़ुक दौर से गुज़र रहा है …और आप व आपकी कांग्रेस के समय मुखर रहने वाली टीम को पिछले 4 वर्षों से ढूँढ रहा है….

आपने पिछले 4 वर्षों में सिर्फ़ कौरी व दिखावटी बयानबाजियाँ ही की है….और आपकी टीम राजनीति में सेट हो गयी…आपने पिछले 4 वर्षों में मोदी जी को विभिन्न जनहित के मुद्दों पर 30 पत्र लिखे…जिसका आपके मुताबिक़ आपको जवाब तक नहीं मिला…आपने पिछले दिनो मोदी को अहंकारी भी बताया…आपकी माँगे आज तक पूरी नहीं हुई है…

हाल ही में आपने पूर्व की तरह एक बार फिर लोकपाल , किसानो की समस्या , चुनाव सुधार को लेकर 23 मार्च से सत्याग्रह की घोषणा की है….आपका ये आंदोलन भी सरकार के आख़री वर्ष में सिर्फ़ दिखावटी व मोदी सरकार के साथ मिलकर साँठगाँठ वाला प्रतीत हो रहा है…..

जेसा अभियान आपने कांग्रेस सरकार के समय छेड़ा था , वो आप अब क्यों नहीं छेड़ रहे है…?
इन 4 वर्षों में आप सिर्फ़ पत्र लिखने तक ही सीमित क्यों रहे ? इस सरकार की वास्तविकता व ज़मीनी हक़ीक़त को लेकर आप जनता के बीच क्यों नहीं गये ? आपने लोकपाल को लेकर इतना इंतज़ार क्यों किया ? आपकी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई , इन 4 वर्षों में देखने को क्यों नहीं मिली ? जीएसटी -नोटबंदी से देश जूझ रहा है , आप उनके साथ खड़े क्यों नहीं हुए ?

आपकी 4 वर्षों की चुप्पी ने ही सब बया कर दिया…? कांग्रेस के ख़िलाफ़ आपका आंदोलन महज़ एक षड्यंत्र का हिस्सा था….

मैं इस पत्र के माध्यम से आपसे आग्रह करते हुए , चेतावनी भी दे रहा हूँ कि आपने मोदी सरकार के ख़िलाफ़ इस आखिरी वर्ष में आर -पार की लड़ाई के बजाय , दिखावटी व साँठगाँठ वाली मुहिम छेड़ी तो मैं अपने सैकड़ों साथियों के साथ आपके गाँव रालेगण सिद्धि में आपके निवास के सामने अनशन पर बैठ जाऊँगा….और आपकी व आपकी टीम की वास्तविकता से पूरे देशवासियों को अवगत कराऊँगा….

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