Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

विवादित भूमि पर नमाज़ पढना गलत, हिन्दुओं का मंदिर लौटाने को तैयार:वक्फ बोर्ड अध्यक्ष

वसीम रिज़वी

वसीम रिज़वी

मंगलवार को उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सै० वसीम रिज़वी ने प्रधान मंत्री के नाम एक पत्र लिखा. इस पत्र में उन्होंने PM से निवेदन किया है की The Place of Worship (special provisions) Act 1991, को समाप्त कर दिया जाये.

ये अपने आप में बहुत हैरानी की बात है की एक मुस्लमान ने ही इस एक्ट को ख़त्म करने की मांग की है. वसीम रिज़वी के अनुसार अयोध्या के राम मंदिर सहित देश भर में 9 मस्जिदें ऐसी हैं जिन्हें मंदिरों को तोड़ कर बनवाया गया है.

वसीम रिज़वी का तर्क:

रिज़वी का तर्क ये है की मुस्लिम समाज के अनुसार धार्मिक नियमों में किसी की छिनी हुई जगह पर या विवादित जगह पर नमाज़ नहीं पढ़ी जा सकती. और ज़बरन ताक़त के बल पर ऐसी जगहों पर मस्जिद भी नहीं बनवाई जा सकती. पत्र में उन्होंने लिखा है की मुसलमानों को भी हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों को लौटने में कोई आपत्ति नहीं होगी.

कौन-कौन से हैं वो मंदिर?

वसीम रिज़वी का मानना है की भारत में विदेशी मुग़लों और सुल्तानों ने न सिर्फ भारत को लूटा और हुकुमत की बल्कि हिंदुस्तान की पुरानी संस्कृति को क्षतिग्रस्त करते हुए यहाँ के प्राचीन मंदिरों को तोडा. जिसमें से कुछ ऐसी थीं जी जो हिन्दू समाज की आस्थाओं से विशेष रूप से जुडी थीं, जैसे; अयोध्या, मथुरा, काशी.

9 मंदिर जिन्हें तोड़ कर मस्जिद बनवाया गया वो हैं:

  1. राम मंदिर, अयोध्या, उ०प्र०
  2. केशव देव मंदिर, मथुरा, उ०प्र०
  3. अटाला देव मंदिर, जौनपुर, उ०प्र०
  4. काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी, उ०प्र०
  5. रुद्रा महालया मंदिर, बटनां, गुजरात
  6. भद्रकाली मंदिर, अहमदाबाद, गुजरात
  7. अदीना मस्जिद, पांडुआ, वेस्ट बंगाल
  8. विजया मंदिर, विदिशा, म०प्र०
  9. मस्जिद कुवतुल इस्लाम, क़ुतुब मीनार, दिल्ली

आखिर क्यों लागू किया ये कानून?

वसीम का मानना है की मुग़लों के कट्टरपंथी समर्थकों ने केवल मुस्लिम वोट हासिल करने के इरादे से 1991 में The Place of Worship (special provisions) Act 1991, को लागू कर दिया था. जिसमें यह निर्धारित था की 1947 के बाद से सभी धार्मिक स्थल जैसे थे वैसे ही रहेंगे. यह कानून बाबरी मस्जिद/राम मंदिर प्रकरण को  रख कर बनाया गया था.

इन मस्जिदों को कानून के तहत सुरक्षित रखा गया है, इसका मतलब साफ़ है की ये मस्जिदें, जहाँ प्रतिदिन नमाज़ अदा की जा रही है वो विवादित है, और ऐसी जगहों पर नमाज़ पढना जायज़ नहीं है. यह एक साजिश है माहौल खराब करने की और आपसी टकराव बांये रखने की.

वसीम रिज़वी ने अंत में लिखा है की कमेटी का गठन कर के साक्ष्यों के आधार पर इन सभी धार्मिक स्थलों का मामला तय किया जाये. और सबसे पहले  The Place of Worship (special provisions) Act 1991 को हटवाया जाये. यही राष्ट्र हित में सही होगा.

Photos: कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि विभाग के कार्यों को लेकर की समीक्षा बैठक

 

Related posts

बंगला विवाद पर योगी के मंत्री ने किया अखिलेश यादव का बचाव

Shashank
7 years ago

बलियाः बिजली की चपेट में आने से दूल्हे के भाई की मौत

Bharat Sharma
7 years ago

कक्षा 9 की छात्रा से क्लास रूम में छेड़छाड़, मनचले ने क्लास रूम में घुसकर छात्रा से की छेड़छाड़ जबरदस्ती सिम दे रहा था, लड़की ने किया विरोध तो मनचला तेजाब डालने की दे रहा धमकी, पीड़ित परिवार दहशत में, आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस नहीं कर रही कोई कार्यवाही, थाना मवाना के निलोहा गांव का मामला.

Ashutosh Srivastava
7 years ago
Exit mobile version