मथुरा के एक लाल ने जनपद के गौरव को बढ़ाया है। सिविल सेवा सर्विसेज परीक्षा के आये परिणाम में थाना राया क्षेत्र के गांव भैंसारा के शिव नारायण शर्मा को 278 वीं रैंक प्राप्त हुई है। बेटे की क़ामयाबी पर जहां घर परिवार में खुशी की लहर है तो वहीं ग्रामीण भी उत्साहित हैं।

कहावत है कड़ी मेहनत करने वालो की कभी हार नही होती। ऐसा नहीं कि सम्पूर्ण साधनों से परिपूर्ण लोगों को ही क़ामयाबी मिलती है। अगर मन में किसी काम को करने की ठान ली तो अभावों में भी रहकर लोग उस मुकाम को हासिल कर लेते हैं। जिनकी कल्पना भी नही की जा सकती।

जनपद का बढ़ाया गौरव

देश की सर्वोच्च सेवा में 278 वीं रैंक मिली तो परिवार में ख़ुशी की लहर दौड़ पड़ी। ग्रामीण अंचल में पले बड़े शिव नारायण की क़ामयाबी पर ग्रामीणों को नाज है तो वहीं जनपद का गौरव भी बड़ा है। हालांकि शिव नारायण ने ये मुकाम आईटी इंजीनियर बनने के बाद हासिल किया। जो दिल्ली में अमेरिका की एक बड़ी कम्पनी में 25 लाख के पैकेज पर था। घर में सब से छोटा होने पर सभी का लाड प्यार शिवनारायण पर था।

इंटर की परीक्षा किया था टॉप

बहन ने शादी से पहले सिविल सर्विसेज की परीक्षा दी जिसमें सफल नहीं हो पाई और घरवालों ने उसकी शादी कर दी। बस उसी को प्रेरणास्रोत मानते हुए शिवनारायण अपने लक्ष्य पर पहुंचे। शिवनारायण ने पास के गांव आयरा खेड़ा से वर्ष 2006 में हाईस्कूल की परीक्षा पास की उसके बाद परिवार वालों को लगा कि यह पढ़ने में तेज है तो उसे मथुरा के सीबीएसई पैटर्न पर पढ़ाने की ठान ली। जहां उसने 2008 में इंटर की परीक्षा टॉप कर परिवार का नाम रोशन किया।

BSNL में की थी नौकरी

उसके बाद शिवनारायण आईटी इंजीनियर होकर अपने भाई के साथ दिल्ली में अमेरिका के कंपनी में काम करने लगा। जब घरवालों ने यह कहा कि प्रशासनिक सेवा ही देश की सबसे बड़ी सेवा होगी। घरवालों से मिले हौसले उत्साह के साथ शिवनारायण अपने मुकाम पर पहुंचा। पिता बहुत पैसे वाले नहीं थे। उनकी भारत संचार निगम में छोटी सी नौकरी थी। जिसमें भी चार बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी थी। उन्होंने कड़ी मेहनत के साथ अपने बच्चों को पढ़ाया और आज जब बेटा सिविल सर्विसेज परीक्षा में पास हुआ तो पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

शिक्षा के क्षेत्र में काम करना बेहद जरूरी

मां भजन पूजा में ज्यादा ध्यान करती है। मां भी बेहद खुश है बेटे ने एक कामयाबी हासिल की है। शिवनारायण की कामयाबी की खबर सुनते ही गांव के लोग उससे मिलने आ गए और हर्षित दिखाई दिए। शिवनारायण का मानना है कि आज भी अगर मेहनत के साथ कोई काम किया जाए तो हार कभी नहीं हो सकती। शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने की मंशा शिवनारायण कि आज भी है जो इस बात से संकल्पित है। देश में प्राथमिक विद्यालय हो या अन्य सरकारी विद्यालय जिनमें शिक्षा के क्षेत्र में काम करना बेहद जरूरी है। ताकि ग्रामीण अंचलों से निकलकर बच्चे भी एक मुकाम हासिल करें।

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