Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

रामगोपाल यादव के जन्मदिन पर भी दिखी शिवपाल से दूरियां!

Shivpal Singh yadav

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में समाजवादी पार्टी के महासचिव प्रो० रामगोपाल यादव का जन्मदिन आज बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया।

मंच पर ‘सिर्फ दिखा’ समाजवादी परिवार:

आज राजधानी लखनऊ में प्रो० रामगोपाल यादव के जन्मदिन पर पूरा समाजवादी परिवार एक साथ दिखाई दिया। समाजवादी पार्टी में एक लम्बे अरसे से सभी फैसले सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव लेते रहे हैं। लेकिन बीते कुछ दिनों के घटनाक्रम पर नजर डाले तो सपा की पारिवारिक कलह खुलकर सामने आई है।

विलय पर परिवार में दिखी दरार:

सपा में आंतरिक कलह की शुरुआत कौमी एकता दल के विलय को लेकर शुरू हुई थी, जब प्रदेश प्रभारी शिवपाल सिंह यादव ने मुख़्तार अंसारी के भाई की उपस्थिति में प्रेस कांफ्रेंस कर के विलय की पुष्टि की थी। जिसके बाद समाजवादी पार्टी के रवैये पर सवाल उठने शुरू हो गये थे कि, पार्टी माफियाओं के सहारे यूपी चुनाव में जीत दर्ज करेगी। जिसके बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विलय के पूरे घटनाक्रम पर कड़ी नाराजगी जताई थी। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने विलय की पैरवी करने वाले मंत्री बलराम यादव को भी पार्टी से तुरंत निष्काषित कर दिया था।

अखिलेश के आगे झुके सपा प्रमुख:

समाजवादी पार्टी में कौमी एकता दल के विलय के घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री की कड़ी नाराजगी सपा प्रमुख भी नजरअंदाज नहीं कर पाए और उन्हें विलय के फैसले को खत्म करना पड़ा। हालाँकि, सपा प्रमुख ने इस फैसले से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को तो खुश कर दिया पर कौमी एकता दल के साथ विलय न होने पर पार्टी के प्रदेश प्रभारी शिवपाल सिंह यादव नाराज हो गये और कैबिनेट में शामिल नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में भी नही शामिल हुए।

रामगोपाल यादव के जन्मदिन पर भी दिखी दूरियां:

आज रामगोपाल यादव के जन्मदिन पर भी सपा परिवार में दूरियां दिखीं। आयोजन में बिना शिवपाल की उपस्थिति के ही केक काट दिया गया। उसके बाद जब शिवपाल सिंह यादव समारोह में पहुंचे तो भी परिवार के अन्य सदस्यों से अलग-थलग दिखाई दिए। इतना ही नहीं मंच पर लगी कुर्सियों में वो सबसे पीछे जा कर बैठे और अन्य नेताओं द्वारा बार-बार आग्रह करने पर भी वहीँ बैठे रहे।

गौरतलब है कि, प्रो० रामगोपाल यादव की पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र में शिवपाल सिंह यादव का नाम नहीं था। जो सीधे तौर पर परिवार में दरार को दर्शाता है और ऐसा लग रहा है कि, पार्टी कहीं न कहीं दो धड़ों में बंटती दिख रही है, जिसका खामियाजा उन्हें आगामी 2017 विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।

Related posts

योगी ‘सरकार’ में भी नहीं थमा सफेद रेत का ‘काला कारोबार’ !

Nitish Pandey
8 years ago

आम आदमी पार्टी ने उठाये पीएम के लखनऊ दौरे के खर्च पर सवाल

Shani Mishra
7 years ago

उन्नाव: नगर पालिका गंगा घाट पर अवैध खनन बन सकता है बाढ़ का कारण

Shivani Awasthi
7 years ago
Exit mobile version