समाजवादी पार्टी से अलग होकर शिवपाल यादव ने सेक्युलर मोर्चा बनाकर अखिलेश यादव मुश्किलें बढ़ा दी हैं। शिवपाल यादव की नजर अब सपा के नाराज और असंतुष्ट नेताओं को अपने साथ लाने पर लगी हुई है। इसके अलावा वे समाजवादी पार्टी के परंपरागत यादव वोटबैंक में भी सेंधमारी की तैयाई कर रहे हैं। अब चाचा-भतीजा के बीच यादवों के बीच पहुँच बनाने की जंग तेज होती हुई दिखाई दे रही है। अखिलेश और शिवपाल यादव में अपने समाज का नेता बनने को लेकर जंग तेज होती दिख रही है।

11 सितंबर को होगा सम्मलेन :

सेक्युलर मोर्चा के नेता शिवपाल यादव लखनऊ में एक बड़े कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे हैं। वे यादव समुदाय के संगठन श्रीकृष्ण वाहनी की ओर से होने वाले संगठन के कार्यक्रम में शामिल होंगे। शिवपाल इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किये गए हैं। श्रीकृष्ण वाहनी के महासचिव अशोक यादव ने बताया कि 11 सितंबर को होने वाला कार्यक्रम यादव समाज के राजनीतिक भविष्य को लेकर काफी कुछ तय करेगा। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में शिवपाल यादव मुख्य अतिथि होंगे और यादव समाज के काफी लोग इसमें शामिल होंगे।

[penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”” background=”” border=”” thumbright=”no” number=”1″ style=”grid” align=”none” displayby=”recent_posts” orderby=”random”]

सपा से जुड़ा रहा है यादव समाज :

उत्तर प्रदेश में ओबीसी समुदाय में सबसे बड़ी संख्या यादव समुदाय की है। यूपी में करीब करीब 8 फीसदी यादव मतदाता हैं और पिछड़ी जाति में लगभग 20 फीसदी हिस्सेदारी रखते है। मुलायम सिंह यादव के राजनीति में आने के समय से ही यादव मतदाता सपा से जुड़े रहे हैं। पिछले तीन दशक से यादव समाज सपा के साथ मजबूती के साथ जुड़ा रहा है। मोदी लहर भी सपा और यादव समुदाय को जुदा नहीं कर सकी है। हालाँकि शिवपाल-अखिलेश की सियासी राह अलग होने के बाद जो समीकरण बन रहे हैं, उनमें यादव मतदाता किस दिशा में जायेंगे इसे लेकर मंथन शुरू हो गया है।

[penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”संबंधित खबरें” background=”” border=”” thumbright=”no” number=”4″ style=”grid” align=”none” displayby=”uttar_pradesh_categories” orderby=”random”]

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें