समाजवादी पार्टी में लंबे समय से सपा नेता शिवपाल सिंह यादव को नजरअंदाज किया जा रहा है। इसी से आहत होकर उन्होंने बीते दिनों नयी पार्टी बनाने की पूरी तैयारी कर ली थी मगर ऐन वक्त पर मुलायम सिंह यादव के पलट जाने के कारण शिवपाल को झटका लगा था। साथ ही शिवपाल यादव को पिछले दोनों चुनावों में कोई जिम्मेदारी नहीं मिली थी। मगर अब आखिरकार शिवपाल सिंह यादव को जिम्मेदारी मिल गयी है।

सहकारिता चुनाव की मिली जिम्मेदारी :

उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव इन दिनों अपने गृहक्षेत्र इटावा में हैं। शिवपाल यादव ने यहाँ पर सहकारिता चुनाव की जिम्मेदारी संभाली हुई है। शिवपाल यादव किसी कीमत पर खुद को मिले इस मौके को नहीं जाने देना चाहते हैं। यही वजह है कि वे इटावा के बाद अब औरैया में भी सहकारिता चुनाव की कमान अपने हाथों में लिए हुए हैं। शिवपाल यादव ने सहकारिता से जुड़े लोगों से मिलना और सक्रिय भूमिका निभाने की अपील करना शुरू कर दिया है। सहकारिता चुनाव में हमेशा से शिवपाल सिंह यादव की गहरी पैठ रही है। शिवपाल के बेटे आदित्य यादव पीसीएफ चेयरमैन हैं तो पत्नी अध्यक्ष हैं।

लोकसभा चुनाव में खोलेंगे पत्ते :

सपा विधायक शिवपाल यादव ने अपने पत्ते पूरी तरह नहीं खोले हैं। चर्चाएँ हैं कि वे फरवरी में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के साथ मिलकर समाजवादी लोकदल नाम से नयी पार्टी बनाने वाले हैं। हालाँकि इस बारे में अभी तक कोई आधिकरिक ऐलान नहीं किया गया है मगर सियासी गलियारों में शिवपाल यादव की नाराजगी को लेकर बड़ी बातें हो रही है। उत्तर प्रदेश के विधानसभा और निकाय चुनाव में नजरअंदाज कर दिए जाने के बाद चर्चा है कि शिवपाल यादव आगामी लोकसभा चुनावों में बड़ा धमाका करने की तैयारी में है। उनके बातों से भी कुछ ऐसा ही आभास हो रहा है।

 

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