समाजवादी पार्टी से अलग हुए कद्दावर नेता शिवपाल सिंह यादव ने अपनी सियासी राह चुन ली है। उन्होंने ‘समाजवादी सेकुलर मोर्चा’ बनाने का ऐलान करते हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में उतरने का फैसला किया है। शिवपाल के ताल ठोकने के बाद ये साफ हो गया है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को बीजेपी से मुकाबला करने के साथ-साथ अपने चाचा से भी दो-दो हाथ करने होंगे। हालाँकि शिवपाल यादव किस सीट से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे इसका फैसला नहीं हो सका है लेकिन उनके समर्थकों ने अभी से ही इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है।

समर्थकों ने शुरू की तैयारियां :

सेक्युलर मोर्चा के गठन के बाद से शिवपाल यादव एक्शन मोड में आ गए हैं। वे लगातार कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उन्हें आगामी चुनाव के लिए संगठित कर रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में समाजवादी सेक्युलर मोर्चा की बैठक हुई थी जिसमें सभी कार्यकर्ताओं ने शिवपाल यादव को फिरोजाबाद से लोकसभा प्रत्याशी बनाने का संकल्प लिया। इस दौरान मौके पर मौजूद जिलाध्यक्ष, कार्यकर्ताओं ने शिवपाल को प्रत्याशी बनाने का संकल्प लिया। सेक्युलर मोर्चा जिलाध्यक्ष के प्रस्ताव पर सभी ने प्रस्ताव पास किया।

सपा का गढ़ है फिरोजाबाद :

यूपी में फिरोजाबाद सीट को सपा की मजबूत सीटों में से एक माना जाता है। वर्तमान में यहाँ से सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव सांसद है। सपा के लिए बहुत मजबूत सीट मानी जाती है। 2009 में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इसी सीट से जीते थे लेकिन बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद हुए उपचुनाव में डिंपल यादव उतरी थी लेकिन कांग्रेस के राजबब्बर से हार गई थी। इसके अलावा रामगोपाल और शिवपाल की अदावत जगजाहिर है। ऐसे में शिवपाल यदि फिरोजाबाद से चुनाव लड़ें तो सपा का नुकसान तय है।

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