प्रदेश अध्यक्ष की कमान छीने जाने के घंटे भर के भीतर ही अखिलेश ने कैबिनेट में अपनी ताकत का एहसास करा दिया। चाचा के 9 मंत्रालयों में 7 मंत्रालयों को वापस ले लिया। चाचा की पहचान बन चुके पीडब्ल्यूडी विभाग भी अपने पास रख लिया। इसके साथ ही रातों-रात अन्य मंत्रालयों का बंटवारा भी कर दिया। चाचा को कैबिनेट में शक्तिविहीन कर दिया।

अब चाचा भतीजे की गुस्ताखी को नजरअंदाज करते नहीं दिख रहे हैं. चाचा ने अपने बड़े भाई और सपा सुप्रीमो से इस बाबत बात की. उन्होंने अपने इस्तीफे की बात कर दी है. सूत्रों के अनुसार, उन्होंने कहा है कि अब वो प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर पार्टी के लिए सेवाएं देने के काम करेंगे।

शतरंज के इस खेल में बड़ा कौन:

लखनऊ से लेकर सैफई और दिल्ली तक ये खबर आग की तरह फैल चुकी है। चाचा की इस खबर से अखिलेश को कोई दिक्कत नही है। वहीँ मुलायम सहित अन्य करीबी लोग शिवपाल यादव को मनाने की कवायद में जुटे हुए हैं। बुधवार को भी प्रदेश की राजनीति में पारा गरम रहने की उम्मीद है।

एक के बाद एक नयी चाल से अब शतरंज की ये बाजी किसी न किसी अंतिम परिणाम की तरफ बढ़ती नजर आने लगी है। हर कोई अपने मोहरे को सही जगह पर रखने की कोशिश में है। एक प्यादे भर की बलि से पुरे खेमें में खलबली मचने लगती है। ऐसे में ये देखना शह और मात का ये खेल किसकी खेमें में ख़ुशी लेकर आता है। साथ ही ये देखना होगा कि समाजवादी परिवार की इस ‘दरार’ को पाटने का काम कौन करता है।

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