डेंगू से ग्रस्त व्यक्ति के इलाज में ख़ास तौर पर सावधानी बरतने की जरुरत होती है।  डेंगू के मरीज को कभी भी अपने मैं से कोई दवा नहीं खानी चाहिए। इसका कारन है कि कई बार कोई दवा उसे नुकसान भी पंहुचा सकती है। इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जीएस बाजपेई का कहना है कि डेंगू से ग्रस्त व्यक्ति का इलाज करते समय मरीज को एस्प्रिन, ब्रूफेन, स्ट्रॉयड दवा और अधिक मात्रा में फ्लूड न चढ़ायें। ये दवाएं देने से कभी कभी मरीज के शॉक सिंड्रोम में जाने का डर रहता है।  इससे कई बार मरीज की जान को खतरा भी हो सकता है।

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झोलाछाप डॉक्टर से न कराएं इलाज

  • डॉ बाजपेई ने कहा कि लगातार अभियान चलने के बावजूद लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं।
  • तमाम जगह डेंगू के लार्वा पाए जाने के बावजूद लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं।
  • उन्हें खुद ही जागरूक होकर अपने घर की साफ़ सफाई के साथ ही पास पड़ोस में भी सफाई रखनी चाहिए।
  • ऐसा करने से सभी लोग सुरक्षित रह सकेंगे और किसी को कोई बीनारी नहीं होगी।
  • उन्होंने कहा की डेंगू से ग्रस्त व्यक्ति को पैरासीटामॉल की गोली देनी चाहिये।
  • और कोई भी दवा  की सलाह के कभी नहीं देनी चाहिए।
  • ऐसा करने से कई  मरीज की जान को खतरा भी हो सकता है।
  • ऐसा देखा गया है कि झोलाछाप डॉक्टर एस्प्रिन, ब्रूफेन, स्ट्रॉयड दवायें देते हैं।

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  • जिससे रोगी शॉक सिंड्रोम की ओर बढऩे लगता है और उसकी जान भी जा सकती है।
  • उन्होंने कहा कि नगर निगम से भी कहा जायेगा कि वे जलभराव की स्थिति को समाप्त कराये।
  • साथ ही कूड़ा निस्तारण भी करे क्योंकि कूड़ा निस्तारण न होने से पानी जमा होने लगता है।
  • उन्होंने यह भी कहा कि बाकी सफाई के साथ ही फॉगिंग कराये जाने की भी आवश्यकता है।
  • इसके लिए 25 गाडिय़ों का इंतजाम भी किया जा रहा है।
  • हालांकि लोगों को  अपने एरिया की सफाई के प्रति जागरूक होने की जरुरत है।

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