राजधानी लखनऊ में स्मार्ट सिटी की कार्यशाला का आयोजन हुआ है. जिसके अंतर्गत पीएम् मोदी सहित देश भर से चयनित 100 स्मार्ट सिटी के शहरों के मेयर लखनऊ आये हैं. इस दौरान इन मेहमान महापौरों को लखनऊ में अपने रहने का खर्च खुद उठाना पड़ रहा है. देश भर से दूर दूर के शहरों से आये मेयरों के लिए होटल में कमरे तो बुक थे लेकिन किराया उन्हें खुद ही देना था. इसलिए कई मेयरों ने अपना होटल महंगा होने के कारण बदल दिया. 

मेयरों से कहा, खुद चुकाइए बिल:

राजधानी लखनऊ में ट्रांसफॉर्मिंग अर्बन लैंडस्केप कार्यक्रम के तहत होने वाली स्मार्ट सिटी कार्यशाला की शुरुआत कल केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने की. दो दिवसीय कार्यशाला के लिए देश भर के कई शहरों से वो मेयर लखनऊ आये हैं जिनके शहर का चयन स्मार्ट सिटी के लिए हुआ है. लेकिन गौरतलब बात ये थी कि दूर दूर से आये मेयरों को लखनऊ मे प्रवास का खर्च खुद से वहन करना पड़ा.

ये अजीब बात थी कि मेयरों को पहले से पता ही नहीं था कि लखनऊ में रहने के लिए उनके खुद की जेब से भुगतान करना पड़ेगा. इसीलिए कई मेयरों को इस बात की जानकारी जब लखनऊ आने के बाद हुई तो उन्हें काफी समस्या का सामना करना पड़ा.

मेयरों के लिए शहर के बड़े और महंगे होटलों में कमरा बुक करवा दिया गया. लेकिन जब मेयरों को भुगतान खुद करने की खबर मिली तो उन्होंने होटल ही बदल दिए.

इसके पीछे का कारण महंगे होटलों का महंगा किराया था. जिसका भुगतान करने में वे सक्षम नहीं थे. इसीलिए उन्हें अपनी जेब के मुताबिक़ होटल बदलना पड़ा.

केरल की एक मेयर ने बदला होटल:

केरल की एक मेयर लखनऊ पहुंचीं तो उन्हें पता चला कि खुद के खर्च से ही होटल में ठहरना पड़ा। जिस होटल में कमरा बुक था वहां किराया कुछ महंगा था तो उन्हें दूसरे होटल में जाना पड़ा।

मेयरों की आवभगत में लगे अधिकारियों भी संशय में हैं। इसी तरह मेहमानों से कहा गया है कि उन्हें गाड़ी होटल छोड़कर आ जाएगी। मेहमानों ने कहा कि वह चाहते हैं कि गाड़ी उनके पास ही रहे लेकिन मना हो गया तो वह निजी वाहन से चले गए।

मध्यप्रदेश के मेयर को चुकाना पड़ा महंगा बिल:

मध्य प्रदेश से आये एक मेयर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि वे होटल हयात में ठैरे थे. उके लिए होटल हयात में कमरा पहले से ही बुक करवा दिया गया था. उन्हें पहले से ज्ञात नहीं था कि कमरे का भुगतान उन्हें खुद करना पड़ेगा. जब कमरे का बिल आया तो उनके होस उड़ गया. बिल 31 हजार का था. मेयर को बिल का भुगतान अपनि जेब से करना पड़ा.

मेयरों को नहीं थी इस बात की जानकारी:

दरअसल कुछ मेयरों को ही होटल में ठहराने का इंतजाम सरकार ने किया गया है, ज्यादातर को खुद के खर्च पर ही होटल में ठहरना पड़ रहा है। इसी तरह अधिकांश अधिकारियों को भी अपने खर्च पर होटल में ठहरने को कहा गया है। यह जानकारी भी उन्हें लखनऊ पहुंचने पर पता चल रही है।

केंद्र सरकार के कुछ अधिकारियों को ही होटल का भुगतान नहीं करना पड़ रहा है। हालांकि नगर आयुक्त डॉ.इंद्रमणि त्रिपाठी का कहना था कि मेयरों व अन्य अधिकारियों से कहा गया है कि वह अपने अपने शहर में स्मार्ट सिटी के फंड से होटल का भुगतान करा लें। इसकी जानकारी केंद्र सरकार की तरफ से भेजी गई थी।

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वाहनों का भी नहीं है इंतेजाम:

स्मार्ट सिटी की कार्यशाला में देशभर में चयनित स्मार्ट सिटी शहर की मेयर के साथ ही अन्य अधिकारी भी इसमे शामिल हो रहे हैं।1080 मेहमानों की सूचना नगर निगम के पास है और इसके लिए शहर के नामचीन होटलों में 750 कमरों को बुक कराया गया है। अमौसी एयरपोर्ट के साथ ही चारबाग रेलवे स्टेशन पर अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो मेहमानों को होटल तक पहुंचाएंगे।

सभी के लिए वाहनों का भी इंतजाम किया गया है। तैयारियों के लिए नगर निगम की गोमतीनगर केंद्रीय कार्यशाला (आरआर विभाग) में कंट्रोल रूम बनाया गया है। अन्य नगर निगमों और नगर पालिका अधिकारियों को भी मेहमानों की आवभगत करने के लिए ड्यूटी पर लगाया गया है।

परेशान रहे अधिकारी :

मेहमानों की आवभगत की तैयारियों में गलती होने से हर कोई परेशान दिखा। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी अमौसी एयर पोर्ट पहुंचे तो उन्हें रिसीव करने वाला कोई नहीं था।

मेयरों और नगर आयुक्तों को किया गया सम्मानित:

बता दें कि कई शहरों की मेयरों और नगर आयुक्तों को प्रधानमंत्री के हाथों सम्मानित किया जाएगा, लेकिन लखनऊ नगर निगम महज दर्शक होगा। पर्यावरण, सफाई, पेयजल समेत शहरी विकास के लिए बेहतर प्रदर्शन करने के लिए पुणो, न्यू दिल्ली, विशाखापट्नम, जबलपुर, भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद, सूरज को अवार्ड देने के लिए चुना गया है।

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