जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ के जवान श्याम बाबू का पार्थिव शरीर लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी आज उनके गांव पहुंचीं। श्याम बाबू का पार्थिव शरीर पहुंचते ही वहां का माहौल बेहद गमगीन हो गया। स्मृति ईरानी ने श्याम बाबू की पत्नी के साथ ही परिवार के अन्य लोगों को सांत्वना दी। श्याम बाबू हाल ही में डेढ़ महीने की छुट्टी पर गांव आया था और 10 फरवरी को ही वह छुट्टी पूरी करके लौटा था। अचानक गुरुवार को आतंकी हमले में उसके शहीद होने की खबर आई तो समूचा गांव स्तब्ध रह गया। परिवार में जहां करुण कृंदन मच गया वहीं गांव के लोग पाकिस्तान को खत्म कर देने तक की मांग करने लगे।

कानपुर देहात के डेरापुर के रैगवा गांव के निवासी शहीद श्याम बाबू का पार्थिव शरीर लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी आज उनके गांव पहुंचीं। इससे पहले आसपास के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में जनसमूह गांव की तरफ आने लगा था। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोग सड़क के दोनों तरफ कतार में खड़े हैं। गांव की तरफ आने वाली गलियां तिरंगे और वंदे मातरम भारत से पटी हुई हैं। पुलवामा हमले में शहीद हुए डेरापुर के रैगवां गांव निवासी श्याम बाबू का गांव गम और गुस्से में डूबा हुआ है। एक ओर जहां मां और पत्नी के कृंदन से कोहराम मचा हुआ है वहीं दूसरी ओर गांव के युवाओं में पाकिस्तान के खिलाफ नफरत और बदला लेने की आग सुलग रही है।

इसी बीच कल प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री सतीश महाना परिजनों के पास पहुंचे। मां और पत्नी को देखने के बाद उनकी भी आंखें छलक पड़ीं। उन्होंने सरकार और देश के शहीद के परिवार के साथ होने की बात कही। कैबिनेट मंत्री ने शहीद के घर पहुंचकर बिलख रही माता के दोनों हाथ थामें तो खुद वे भी रो पड़े। जमीन पर बैठकर उन्होंने शहीद की पत्नी रूबी को ढांढस बंधाने की कोशिश की, वहीं पिता के कंधों पर हाथ रखकर हमेशा उनका साथ देने का भरोसा दिया। महाना ने कहा कि श्याम बाबू की शहादत बेकार नहीं जाएगी। उसका पूरा बदला लिया जाएगा। केन्द्र और प्रदेश सरकार के साथ देश के लोग शहीद के परिवार के साथ खड़े हैं।

डेरापुर के रैंगवा गांव के एक गरीब परिवार से निकला युवक श्याम बाबू वर्ष 2005 में सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। उसके पिता राम प्रसाद के दो पुत्रों में वह बड़ा था। उसके परिवार में मां कैलाशी के अलावा छोटा भाई कमलेश उर्फ छोटे और दो बहनें रेखा और ममता हैं। बहनों की शादी पहले ही हो चुकी है, जबकि कमलेश की शादी बीते वर्ष हुई। वह अहमदाबाद में निजी कंपनी मे मजदूरी करता है। श्याम बाबू की शादी 2012 में थाना अकबरपुर के जरैला गांव की रूबी के साथ हुई थी। श्याम बाबू के दो बच्चे हैं, जिनमें लकी 4 वर्ष और बेटी आरुषी छह महीने की है।

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