राजकीय बाल गृह (बालिका) मोती नगर में से 15 दिन के भीतर एक और संवादिनी फरार हो गई। वह बाथरूम की छत से दीवार के सहारे फरार हुई और कर्मचारी व अधीक्षिका को भनक तक नहीं लगी। महिला कल्याण निदेशालय के जांच दल ने औपचारिकता पूरी करते हुए निरीक्षण कर कर्मचारियों से पूछताछ की लेकिन फरार समाज नहीं का सुराग नहीं लगा। मामले की तहरीर नाका थाना पुलिस को दी गई है। पुलिस फरार हुई संवासिनी की तलाश में जुट गई है।

जानकारी के मुताबिक, रेलवे चाइल्ड लाइन की मदद से 3 जनवरी को चारबाग पर 12 साल की संवासिनी को भिक्षावृत्ति करते हुए पकड़ा गया था। जिससे बाल गृह कल्याण समिति के निर्देशानुसार राजकीय बाल गृह बालिका मोती नगर में 2 दिन पूर्व आश्रय दिलाया गया था। 2 दिन रहने के बाद रविवार रात वह फरार हो गई।बालिका गृह की अधीक्षिका रीता टांडा को जब इसकी जानकारी लगी तो बहुत देर हो चुकी थी। उन्होंने इसकी सूचना डीपीओ का पुलिस को दी। रविवार को महिला कल्याण निदेशालय के सहायक निदेशक सर्वेश कुमार पांडेय ने बालिका गृह का निरीक्षण किया और कर्मचारियों से जानकारी जुटाई। सर्वेश कुमार पांडेय ने बताया कि पिछली घटना की तरह फरार हुई संवासिनी 3 जनवरी को चारबाग से लाई गई थी। उसे रेलवे चाइल्ड लाइन ने भिक्षावृत्ति करते पकड़ा था।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]4 महीने में 5 संवासिनियां हुई फरार[/penci_blockquote]
राजकीय बालिका गृह से 2018-19 में 4 महीने में 5 बार संवासिनी फरार हो चुकी हैं। इनमें जुलाई माह में दो बाथरूम के रास्ते से फरार हुई। इसके बाद अक्टूबर में एक फरार हो गई। इसके अलावा दिसंबर में एक और अब जनवरी में एक संवासिनी फरार हो गई। बाल कल्याण समिति की सदस्य संगीता शर्मा का आरोप है कि बाल गृह बालिका ने बाथरूम की दीवार की अनदेखी की है। जिससे 22 दिसंबर को फरार हुई संवासिनी की तरह रविवार शाम संवासिनी ने फायदा उठाया और फरार हो गई।बाल कल्याण समिति के मुताबिक, पिछली घटना की जांच के दौरान बाथरूम की दीवार को गिराने की स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। लेकिन इसको संज्ञान में नहीं लिया गया।

[penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”हिंदी की अन्य खबरें” background=”” border=”” thumbright=”yes” number=”4″ style=”grid” align=”none” displayby=”post_tag” orderby=”random”]

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें