उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के महोली थाना प्रभारी रंजना सचान बालू खनन माफियाओं को संरक्षण देकर अपने ही थाने के दरोगा सलीम मलिक को धमका रहीं थीं। इसका ऑडियो uttarpradesh.org ने चलाकर खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। हमारी खबर का संज्ञान लेते हुए कप्तान ने थाना प्रभारी को हटाकर जांच शुरू कर दी है।

यह है पूरा मामला

सीतापुर जिले के मोहाली थाने की प्रभारी रंजना सचान का एक ऑडियो वायरल हुआ। जिसमें वो अपने ही थाने पर तैनात दरोगा सलीम मलिक से बात कर रही हैं। जिसमें वो हाईवे पर जा रहे अवैध बालू लदी गाड़ियों नहीं रोकने का आदेश दे रही है। साथ ही ऑडियो में रंजना सचान ने दरोगा को धमकी भी दी, ‘गाड़ियों से अगर पैसा लिए तो एसपी के शिकायत करूंगी’।

ये भी पढ़ें: खबर का असर: खनन माफियाओं पर चला प्रशासन का ‘डंडा’!

ऑडियो सुनें

कार्रवाई के बदले मिला ट्रांसफर

इस कार्रवाई से नाराज थाना प्रभारी रंजना सचान ने दरोगा शलीम मलिक का ट्रांसफर करा दी। महोली थाने से सलीम को थानगांव थाने पर जाने का आदेश उसे दे दिया गया है। हालांकि अभी उसे थाने से रिलीव नहीं किया गया है।

ये भी पढ़ें: योगी ‘सरकार’ में भी नहीं थमा सफेद रेत का ‘काला कारोबार’ !

बढ़ता गया अवैध खनन का काम

सरकारें बदलीं, नहीं बदला तो सिर्फ जिले में अवैध बालू खनन करने का काम। शाम होते ही खनन माफिया अवैध खनन के काम में जुट जाते हैं। अखिलेश सरकार में सफेद रेत का यह काला कारोबार जिले में खूब फला-फूला। डायल 100 की टीम के गठन के बाद एक आश जगी थी कि अवैध खनन पर अंकुश लगेगा। शुरू में तो डायल 100 की टीम ने अवैध खनन कर रहे जेसीबी, डम्फर, ट्रैक्टर ट्रालीयां पकड़ीं। समय के साथ-साथ धर पकड़ धीमी होती गई और अवैध खनन करने में ट्रैक्टर ट्रालियों की संख्या बढ़ती गई।

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें