देश के 5 चुनावी राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद सभी की नजर आगामी लोकसभा चुनावों पर टिकी हुई है। इन राज्यों के विधानसभा चुनावों में जहाँ विपक्ष बिखरा हुआ नजर आया तो वहीँ लोक सभा चुनावों में क्या वो एकजुट होगा, इस पर सभी की निगाहें हैं। अखिलेश यादव ऐलान कर चुके हैं कि भाजपा को रोकने के लिए बसपा से गठबंधन हर हाल में होकर रहेगा। बसपा सुप्रीमों मायावती का रुख भी सपा से गठबंधन को लेकर अभी तक सकारात्मक रहा है। ऐसे में जल्द ही इसका आधिकारिक ऐलान होने की संभावनाएं जताई जा रही है।

भाजपा से गठबंधन से बसपा का इंकार :

बीएसपी सुप्रीम मायावती ने छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) या कांग्रेस के साथ किसी तरह के संभावित गठबंधन से इनकार किया है। उन्होंने कहा- “छत्तीसगड़ में बीएसपी-जेसीसी गठबंधन पूर्ण बहुमत हासिल करेगा।”

नाम न बताने की शर्त पर बीएसपी नेता ने कांग्रेस और बीजेपी को गरीब और दलित विरोधी बताते हुए कहा- “बहनजी (मायावती) ने यह साफ कर दिया है कि बीएसपी चुनाव राज्यों और लोकसभा चुनाव में दो पार्टियों के साथ किसी तरह का गठबंधन नहीं करेगी।”

जनवरी में हो सकता है ऐलान :

मायावती ने राज्य ईकाई के अपने पार्टी पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में बैठक करें और सपा-बसपा गठबंधन के बारे में पार्टी कैडर से फीडबैक लेकर उन्हें दें। बीएसपी सूत्र ने बताया पार्टी के जिला ईकाई के नेताओं को यह निर्देश दिया गया था कि वह अपने कार्यकर्ताओं को बताए कि गठबंधन का यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि पार्टी अपने खाए राजनीतिक जनाधार को वापस हासिल कर सके। ऐसे में इस गठबंधन का ऐलान आगामी जनवरी में होने की पूरी संभावनाएं हैं।

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