फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जीत हासिल हुई है। फूलपुर सीट से तो 2014 में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या चुनाव जीते थे। ऐसे में सपा के लिए इस किले को जीतना काफी मायने रखता है। अब सपा-बसपा गठबंधन के बाद दोनों पार्टियों की नजर केशव मौर्या के एक और गढ़ कौशांबी पर आकर टिक गयी है। ऐसे में इस लोकसभा सीट को जीतना भाजपा और गठबंधन दोनों के लिए जरूरी हो गया है। इस बीच कौशाम्बी सीट पर लोकसभा चुनाव लड़ने वाले एक बड़े नेता का नाम सामने आ रहा है।

कौशांबी से हैं भाजपा सांसद :

2014 के लोकसभा चुनावों में कौशांबी सीट से भारतीय जनता पार्टी के विनोद सोनकर ने जीत दर्ज की थी। विनोद सोनकर ने सपा के शैलेन्द्र कुमार को पराजित किया था जिनके बीच जीत का अंतर सिर्फ 42847 वोटों का था। फूलपुर और गोरखपुर सीट जीतने के बाद भाजपा भी समझ गयी है कि गठबंधन से 2019 में जीतना आसान नहीं होगा। ऐसे में उसने अभी अपने कार्यकर्ताओं को अभी से सक्रिय कर दिया है। प्रत्याशी की बात करें तो भाजपा अपने सिटिंग सांसद विनोद सोनकर को फिर से उतार सकती है।

 

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गठबंधन से इन्हें मिल सकता है मौका :

बसपा से सपा में आये इन्द्रजीत सरोज का कौशांबी जिला गढ़ माना जाता है। ऐसे में इस लोकसभा सीट का नतीजा सपा और बसपा के गठबंधन के पक्ष में जाता दिख रहा है। राजनीतिक गलियारों में खबर फैली है कि 2019 में कौशांबी से सपा प्रत्याशी का जीतना तय है। यहाँ से सपा अपने पूर्व सांसद शैलेन्द्र कुमार पर फिर से दाँव लगा सकती है। बीते दिनों मंझनपुर की एक सभा में सपा महासचिव इंद्रजीत सरोज ने कहा था कि उनके उम्मीदवार तो शैलेन्द्र कुमार होंगे। 2014 में तीसरे नंबर पर रही बसपा इस बार सपा के साथ है तो ऐसे में गठबंधन की इस सीट पर जीत तय मानी जा रही है।

 

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