2019 के लोकसभा चुनावों के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन किया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इन दिनों पार्टी पदाधिकारियों संग सीटों के बंटवारे पर मंथन कर रहे हैं। इस बीच बहुजन समाज पार्टी की मुखिया ने अखिलेश यादव को बड़ा झटका दिया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव ने अखिलेश यादव से बगावत करते हुए बसपा ज्वाइन कर ली है जिसके बाद नए समीकरण बनते हुए दिखाई दे रहे हैं।

इंद्रजीत सरोज ने ज्वाइन की बसपा :

बहुजन समाज पार्टी ने लखनऊ में अपने 200 कार्यकर्ताओं की घर वापसी कराई है। ये वहीँ हैं जो यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले दूसरी राजनीतिक पार्टियों में चले गए थे। कार्यकर्ताओं की घर वापसी के साथ ही बीएसपी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज ने भी वापसी की है। बसपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज सितंबर 2017 में अपने कार्यकर्ताओं के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे। उस दौरान उन्होंने कहा था कि बसपा सुप्रीमों मायावती रुपये लेकर टिकट बांटती हैं। इस बयान के बाद उन्हें मायावती ने अगस्त 2017 में पार्टी से निष्कासित कर दिया था। इसके बाद लम्बे समय तक मंथन के बाद आख़िरकार इन्द्रजीत सरोज ने लखनऊ में सपा ज्वाइन की थी। अखिलेश यादव ने भी उनका स्वागत करते हुए उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया था।

बसपा के संस्थापक मेंबर हैं इन्द्रजीत :

इंद्रजीत सरोज बीएसपी के फाउंडर मेंबर रहे हैं। वह बसपा से चार बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले मायावती पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाया था। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी में भी जाने वाले कुछ और कार्यकर्ता-नेता बीएसपी के संपर्क में हैं। एक बसपा नेता ने कहा कि कई लोग खासकर बीजेपी के कार्यकर्ता उन लोगों के संपर्क में हैं। वे लोग बीएसपी में आना चाहते हैं। उनके लिए जल्द ही ‘घर वापसी’ का एक बड़ा आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा बसपा ने लखनऊ में इकाई का पुनर्गठन किया है।

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