2019 के लोकसभा चुनावों में काफी कुछ नया देखने को मिल सकता है। एक तरफ जहाँ भाजपा दलितों और अन्य वर्गों में नाराजगी को लेकर रणनीति बना रही है तो वहीँ विपक्षी दल भाजपा की इसी कमजोरी को हथियार बनाकर उसका चुनावी इस्तेमाल करने में लगे हुए हैं। भाजपा को घेरने के लिए विपक्ष भी खुद को एकजुट बता रहा है और मिलकर लोकसभा चुनावों में भाजपा के सफाए का दावा कर रहा है। इस बीच विपक्ष को एक बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रीय लोकदल के एकमात्र विधायक सहेंद्र सिंह रमाला के साथ सपा के कद्दावर नेता ने बीजेपी ज्वाइन कर ली है।

रमाला हुए भाजपा में शामिल :

राज्य सभा चुनावों में क्रॉस वोटिंग करने वाले राष्ट्रीय लोकदल के एकमात्र विधायक सहेंद्र सिंह रमाला आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। राज्य सभा चुनावों में विपक्ष प्रत्याशी के लिए मतदान न करने पर उत्तर प्रदेश में बागपत के छपरौली से RLD विधायक सहेंद्र सिंह रमाला को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।

sp leader

 

सहेंद्र सिंह रमाला के भाजपा में शामिल होने से रालोद और कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। इस तरह राष्ट्रीय लोक दल बिना किसी विधायक, MLC और सांसद वाली पार्टी बनने का तमगा हासिल कर चुकी है।

sp leader

सपा से गठबंधन की चर्चाओं के बीच रालोद के लिए ये एक बड़ा झटका कहा जा रहा है। इसका साफ़ असर लोकसभा चुनावों में देखने को मिल सकता है।

sp leader

पूर्व प्रदेश महासचिव ने छोड़ी सपा :

कैराना उपचुनाव के पहले विपक्ष को बड़ा झटका रालोद विधायक सहेंद्र सिंह रमाला के बीजेपी में जाने से लगा है। रमाला ने भाजपा ज्वाइन करने के साथ ही सपा के बड़े नेता को भी पार्टी में शामिल कराया है। समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश महासचिव जवाहर लाल साहू ने भी सपा से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ले ली है। वे उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य रह चुके थे। सपा के लिए लोकसभा चुनावों के पहले ये बड़ा झटका माना जा रहा है।

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें