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समाजवादी परिवार में पॉलिटिक्स से दूर रहने वाले सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव अचानक चर्चा में आ गए। प्रतीक यादव के चर्चा में आने की कोई पॉलिटिकल वज़ह नहीं, बल्कि महज एक कार थी। प्रतीक यादव की करोड़ों की कीमत वाली लेम्बोर्गिनी कार ने आचानक चर्चा में ला दिया। इस कार की वजह से प्रतीक यादव और सपा को विरोधियों ने घेर लिया।

प्रतीक यादव हुए भावुक, जानें क्या दिया बयान!

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कड़ी मेहनत में मुझे कोई हरा नहीं सकता

  • प्रतीक यादव ने खुद पर और परिवार पर लग रहे आरोप को खारिज करते हुए सरलता से शायराना अंदाज में लोगों को जवाब दिया।
  • प्रतीक ने अपने फेसबुक पर लिखा, ‘ है ये दुनिया का बहुत बड़ा रोग, कि क्या कहेंगे लोग’।
  • प्रतीक ने लिखा कि वह खुश किस्मत है कि उन्हें ये रोग नहीं है।
  • वह एक सफल व्यवसायी है। इसके लिए कड़ी मेहनत की है।
  • इसलिए वह केवल ये लेम्बोर्गिनी ही नहीं और भी बहुत सी कार खरीदने की हैसियत रखते हैं।
  • उनका मानना है कि उनसे कड़ी मेहनत में कोई नहीं जीत सकता है।

बुरे दिन भी देखें हैं

  • प्रतीक ने लिखा कि मुझे वो दिन भी याद है जब मैं दोस्तों को 25 रूपये की कॉफी भी नहीं पिलाता था।
  • पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान जीरो डिग्री सेल्सियस में दो पॉउड बचाने के लिए दो किलोमीटर 20 किलो समान के साथ पैदल चलता था।
  • प्रतीक ने लिखा आज भी वो दिन याद है, जब वो पूरी रात नहीं सो सके थे
  • पहली बार 9 साल पहले लीडस (इंग्लैंड) में देखी थी लैम्बॉर्गिनी गैलार्डो।
  • तभी तय कर लिया था कि अपनी मेहनत के दम पर इस कार को एक दिन जरूर लूंगा।
  • आज मैंने अपने दम पर कर दिखाया तो काफी लोगों को तकलीफ हुई।

  • प्रतीक ने लिखा कि उनके सपने और भी है जो इससे भी कहीं बड़े है।
  • उन्होंने लिखा कि गलत आरोप और टिप्पणीयों को नजरअंदाज करने की उनमें क्षमता है।

प्रतीक के सर्पोटर्स की कमी नहीं

  • जब प्रतीक यादव को उनकी कार के मुद्दे पर हर तरफ घेरा जा रहा था,
  • उनके चाहने वाले लगातार उनसे सोशल मीडिया पर इन बातों पर ध्यान न देने के लिए कह रहे थे,
  • लोग उन्हें इमानदारी से अपने बिजनेस पर फोकस करने और पहले की तरह ही जीने के लिए बोलते रहे,

  • लोगों ने लिखा कि नुक्स निकालने वाले बाहर के लोग सिर्फ ऊपरी चमक देखते हैं,
  • लेकिन इसके लिए की गई मेहनत को नज़रअंदाज कर देते हैं।
  • पुराने स्कूल के साथियों ने लिखा कि हमें यादव है कि तुम कैसे स्कूल टाइम में अपने पॉलिटिकल कनेंक्शन की बात छूपाते थे।

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