स्पेशल स्टोरी भदोही : नयें बजट में निर्यातकों को सरकार से काफी उम्मीदें ।

भदोही जनपद का कालीन उद्योग ऐसा उद्योग जो लाखों लोगों को रोजगार तो देता ही है साथ ही बड़े पैमाने पर विदेशी मुद्रा भी अर्जित करता है भदोही से करीब 12 हजार करोड़ का कालीन का एक्सपोर्ट होता है लेकिन कोरोना की वजह से उद्योग को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है ऐसे में कालीन कारोबार को बजट से खासा उम्मीदें हैं कालीन कारोबारी चाहते हैं कि सरकार बजट में कालीन उद्योग को भी प्राथमिकता दें जिससे यह कारोबार फिर से पहले की तरह विदेशी बाजारों में अन्य कालीन निर्माता देशों को टक्कर दे सके।

कोरोना वायरस की वजह से सबसे अधिक नुकसान उन मजदूरों को हुआ है जो दूसरे शहरों से आकर भदोही में कालीन की बुनाई का काम करते थे लेकिन उनका बड़े पैमाने पर पलायन हुआ है साथ ही भदोही के बुनकरो का भी पलायन हुआ है ऐसे में भदोही के कालीन कारोबारी चाहते हैं कि महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाए जिससे वह इस कारोबार से आसानी से जुड़ सकें और कालीन की बुनाई कर सकें कारोबारी चाहते हैं कि सरकार महिलाओं के प्रशिक्षण को लेकर योजना बनाये ,बजट से कालीन उद्योग को इस बार बहुत अधिक उम्मीदें हैं निर्यातकों का कहना है कि यह एक ऐसा उद्योग है जो भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा अर्जित करता है ऐसे में सरकार अगर इस मुश्किल समय में कालीन उद्योग की मदद होती है तो निर्यात तो बढ़ेगा ही इसके अलावा बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

 

आपको बता दें कि भदोही से अमेरिका सहित कई देशों में कालीन का एक्सपोर्ट होता है भदोही के हुनरमंद बुनकरों में ऐसी कला है कि वह किसी भी तरह की डिजाइन और कितनी भी बड़ी कालीन को बहुत आसानी से बनाते हैं इसीलिए विदेशी बाजारों में भदोही की निर्मित कालीनो की अधिक डिमांड होती है कोरोना की वजह से उद्योग की कमर टूट गई है ऐसे में इस वर्ष के बजट से उद्योग को सबसे अधिक उम्मीदें हैं उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि उनको जो ड्यूटी ड्रॉ बैक मिलता था उसको जारी रखा जाए और सरकार अगर उद्योग सब्सिटी देती है तो उद्योग के लिए काफी लाभप्रद होगा इसके अलावा टैक्सों में राहत और भदोही क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर और मजबूत किया जाए।

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