Special Story Bhadohi- कालीन कंपनियों में खटर पटर की आवाजे ।

कालीन नगरी भदोही में एक बार फिर कालीन कंपनियों में खटर पटर की आवाजे आना शुरू हो गई है कोरोना की वजह से कालीन को उद्योग कई करोड़ के नुकसान का सामना करना पड़ा है लेकिन अब धीरे-धीरे उद्योग पटरी पर लौट रहा है।

भदोही की निर्मित कालीने विदेशी बाजारों में सबसे अधिक पसंद की जाती हैं भदोही से सबसे अधिक एक्सपोर्ट अमेरिकी बाजारों में होता है । कोरोना की वजह से इस इंडस्ट्री से जुड़े लाखों बुनकरों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा कोरोना के चलते कामकाज बंद रहा जो बुनकर दूसरे प्रान्तों के थे उनका पलायन हुआ जिसके चलते बुनकरों का बड़ा हुआ है ,बुनकरों के सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया था लेकिन अब एक बार फिर उद्योग पटरी पर लौट रहा है कालीन कंपनियों में रफ्तार से काम शुरू हो गए हैं बुनकरों को काम मिल रहा है उम्मीद जताई जा रही है कि तीन से चार महीनों में हालात और बेहतर हो सकते हैं ।
बाइट – पंकज बरनवाल – कालीन निर्यातक

कोरोना की वजह से कालीन उद्योग का करोड़ों का नुकसान हुआ है जो विदेशी वायर हैं वह यहां आ नही सके, निर्यातक विदेशी ग्राहकों से ऑनलाइन माध्यमो से जरूर जुड़े रहे लेकिन कामकाज स्थानीय स्तर पर तेजी से नही चल सका। निर्यातकों के पास विदेशी बाजारों से इस समय ऑर्डर है और अब वह प्रयास कर रहे हैं कि उन आर्डर को पूरा किया जाए और यहां से कालीन का एक्सपोर्ट हो इन ऑर्डर की वजह से जो बुनकर हैं उनको भी काम मिलना शुरू हो गया है कालीन निर्यातकों का कहना है कि वह लोग दिन रात मेहनत कर रहे हैं कि फिर से उद्योग को पटरी पर लाने के प्रयास किये जा रहे है।

Report – Anant

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