उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कई पॉर्श इलाकों में मसाज पार्लर की आड़ में सेक्स रैकेट का संचालन किया जा रहा था, जिसके बाद पुलिस ने इन मसाज पार्लर में छापा मारा था। वहीँ मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस के गुडवर्क का झूठ पकड़ा गया है।

सेक्स रैकेट चलाने वालों का मामूली धाराओं में चालान:

  • सूबे की राजधानी लखनऊ के कई इलाकों में मसाज पार्लर की आड़ में सेक्स रैकेट का धंधा चलाया जा रहा था।
  • UttarPradesh.Org द्वारा मामले की पूरी पड़ताल किये जाने के बाद लखनऊ पुलिस ने मामले में तत्परता दिखाई थी।
  • पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कई मसाज पार्लर पर रेड मारी थी।
  • जिसके बाद पार्लर में काम करने वाली लड़कियों समेत पार्लर मालिकों को दबिश में गिरफ्तार किया गया था।
  • जिसके बाद लखनऊ पुलिस की एसएसपी की इस गुडवर्ड के लिए काफी तारीफ हुई थी।
  • लेकिन एसएसपी मंजिल सैनी के गुडवर्क की पोल खुल गयी है।
  • सेक्स रैकेट चलाने वालों को लखनऊ पुलिस ने मामूली धाराओं में चालान कर छोड़ दिया है।
  • साथ ही पकड़ी गयी लड़कियों को अश्लीलता करने के मामले में चालान कर छोड़ दिया गया।
  • रैकेट संचालन करने वालों पर धारा 151 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

ये था पूरा मामला: स्टिंग ऑपरेशन: मसाज पार्लर की आड़ में जिश्मफरोशी का धंधा, पुलिस खामोश!

आरोपों के तहत क्यों नहीं दर्ज हुआ मुकदमा?:

  • सूबे की राजधानी लखनऊ में जिन मसाज पार्लर को छापा मारा गया था, उन पर देह-व्यापार के आरोप थे।
  • मामले में एसएसपी मंजिल सैनी ने सभी का मामूली धाराओं में चालान कर छोड़ दिया।
  • जिसके बाद सवाल ये उठता है कि, लखनऊ पुलिस ने मामले में जो आरोप लगे थे उनके आधार पर मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया?
  • हालाँकि मंजिल सैनी ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि, छापा मारने के दौरान किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली थी।
  • ऐसा मान भी लिए जाए तो आरोपों के आधार पर FIR का दर्ज होना ही कानून है।
  • देह-व्यापार हो रहा था या नहीं इसका फैसला न्यायालय करता।
  • पुलिस की कार्रवाई के बाद यह कहा जा सकता है कि, लखनऊ पुलिस ने मामले को नया मोड़ देने की कोशिश की है।
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