योगी सरकार ने दो दिन पहले ही सूबे में 41 आईपीएस अफसरों का तबादला किया. इन तबादलों की खास बात ये रही कि सूबे को नया ADG-LO भी मिला. आनंद कुमार को आदित्य मिश्रा की जगह ADG-LO बनाया गया. हालाँकि योगी सरकार ने ही इनकी भी नियुक्ति की थी लेकिन कानून-व्यवस्था सँभालने में नाकामी आदित्य मिश्रा पर भारी पड़ी.

वहीँ इन तबादलों में कुछ ऐसे नाम भी रहे जिन्होंने हाल ही में अपने काम से लोगों का ध्यान आकर्षित किया.

 खुलासे करने वालों को तबादले के रूप में मिला इनाम:

  • STF एसएसपी अमित पाठक ने राजधानी में घटतौली करने वाले कई पेट्रोल पम्पों को पकड़ा. धड़ल्ले से चल रहा पेट्रोल चोरी का खेल जब लोगों के सामने आया तब सभी हैरान रह गए थे. चिप के जरिये पेट्रोल चोरी करने वाले पेट्रोल पम्प के मालिकों पर इन्होने नकेल कसी थी. लेकिन इनका भी तबादला कर दिया.ऐसे में किये गए तबादलों के बाद सरकार की मंशा पर सवाल उठने लाजिमी हैं. ये तब हुआ जब हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को कार्रवाई में दखल देने पर फटकार भी लगाई थी.

जल्दी-जल्दी हो रहे तबादले नई सरकार की अनुभवहीनता को दर्शा रहे हैं. वहीँ ये भी सवाल उठ रहे हैं कि खुलासे करने वाले पुलिस अफसरों का तबादला आखिर सरकार ने किसी दबाव में तो नहीं किया.

बीजेपी नेताओं को पढ़ाया कानून का पाठ, हो गया तबादला!

  • वाराणसी के एसएसपी नितिन तिवारी ने फ्रेंच महिला के साथ रेप करने के आरोपी को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया था. ये घटना PM मोदी के संसदीय क्षेत्र की है. कई मामले ऐसे हैं जहाँ पुलिस अपराधियों को पकड़ने में नाकाम हैं लेकिन वहां पुलिस अधिकारियों पर गाज नहीं गिरी.

तबादलों में दिखी सरकार की अनुभवहीनता:

  • सीएम के जिले गोरखपुर में पिछले 70 दिनों में दो बार एसएसपी बदले गए हैं.
  • वहीँ रायबरेली, सुलतानपुर, मथुरा आदि जिलों में भी नए कप्तानों की नियुक्ति की जा चुकी है.
  • कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आये दिन तबादले करना कोई समस्या का हल नहीं दिखाई पड़ता है.
  • सिस्टम को समझने और काम करने वालों को रोकने वाले तत्वों से सरकार को निपटना होगा.
  • वहीँ पुलिस अधिकारियों द्वारा खुलासे करने पर भी उनका तबादला किया जा रहा है.

बीजेपी नेताओं की शिकायत ने कुछ अफसरों का कराया तबादला:

वहीँ कुछ ऐसे भी तबादले हैं, जिनमें बीजेपी नेताओं के साथ हुई नोंक-झोंक के बाद की प्रतिक्रिया के रूप में इन्हें देखा जा रहा है.

आये दिन पुलिस अधिकारियों के साथ बीजेपी नेताओं की नोंक-झोंक सामने आती है. ऐसे में सत्ता का धौंस दिखाकर अधिकारियों को काम करने से रोकने वालों को लेकर भी सीएम योगी को गंभीर होना पड़ेगा.

  • एसएसपी लव कुमार को सहारनपुर से नॉएडा भेज दिया गया.
  • बीजेपी सांसद राघव लखनपाल के साथ उनका वाकया किसी से छिपा नहीं है.
  • IPS प्रतिंदर सिंह को आगरा से भेज दिया गया.
  • बीजेपी सांसद रामशंकर कठेरिया ने सीएम से उनकी शिकायत की था.
  • वहीँ बुलंदशहर में सीओ श्रेष्ठा ठाकुर ने बीजेपी नेताओं को जेल में बंद किया था.
  • उसके कुछ दिन बाद 244 लोगों के तबादले में उनको भी घसीटा गया.
  • श्रेष्ठा ठाकुर को बहराइच भेज दिया गया.

पुलिस की नाकामी तबादलों से कब तक छिपेगी:

  • योगी सरकार ने 800 से ज्यादा लोगों का तबादला 100 दिनों के कार्यकाल में किया है.
  • फेरबदल हर सत्ताधारी दल अपने हिसाब से करता है.
  • लेकिन इस प्रकार की हड़बड़ी सरकार को ही मुश्किल में डाल रही है.
  • वहीँ बड़ी समस्या पुलिसिंग में भी दिखाई दे रही है.
  • DGP के निर्देश के बाद भी मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया में सुधार नगण्य है.
  • अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं.
  • खुलेआम दिनदहाड़े मर्डर हो रहे हैं, बलात्कार हो रहा है.
  • लेकिन कुछ शह पाए अफसर पॉकेट-मारों को पकड़कर प्रेस कांफ्रेंस कर गुडवर्क बटोरने में जुटे हैं.
  • उनके नाक के नीचे हो रहे अपराध नहीं दिखाई दे रहे हैं.
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