ह्यूमन राईट मानिटरिंग कमेटी ने अपने जारी प्रेस नोट में आरोप लगाते हुए कहा कि संजय निवासी लखनऊ के रहने वाले जो की पिछले कई वर्षों से वह अपनी रोजी रोटी पेंटिंग का काम ठेका पर लेकर करते हैं। उन्हें दिनांक 09/02/2018 की दोपहर 02:43 मिनट पर फोन न. 9628099095 से मो. नं. 7505104525 पर फोन आया जिस पर संजय ने फोन उठाया तो उधर से एक महिला ने कहा कि हम आपसे अपने घर में पेंटिंग का काम कराने के सिलसिले में मिलना चाहते है जिस पर संजय ने अपनी व्यस्तता बताते हुए शाम को मिलने को कहा और फोन रख दिया।

उसके बाद उस महिला का कई बार फोन आया की उनके घर पर शादी पड़ी हैं और उन्हें अपने घर पर पेंटिंग का काम तुरंत करवाना हैं। उपरोक्त महिला की बात पर विस्वास करते हुए संजय ने शाम 04 बजे शनिदेव मंदिर के एल.डी.ए. कालोनी, पराग रोड पर बने पुलिस चौकी, थाना क्षेत्र- सरोजिनीनगर पर बुलाया। वहां पर पहले से खड़ी गाडी सं. UP 52 AM 9019 से 6 लोग संजय गुप्ता के पास दौड़कर आये और उन्हें पकड़कर बीच सडक पर लात घूसों से मारने लगे जिससे वहा भीड़ जुट गयी।

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अरुण सहित कई राहगीरों ने पूछा तो उपरोक्त व्यक्तियों ने खुद को STF पुलिस बताते हुए संजय को जबरन गाड़ी में बैठाकर ले गए। STF वालों ने संजय के ऊपर पिस्टल लगाकर बोले की साले तुम्हारा इनकाउन्टर कर देंगे। जिससे संजय डर गए और रोते हुए पूछा की साहब हमने तो कभी भी कोई गलती नहीं किया हैं और नाही उनके उपर कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज हैं तो फिर भी आप हमें क्यों मारना चाहते हैं। तब उपरोक्त पुलिसवालों ने बोला की चलो अभी सब समझ में आ जाएगा।

उपरोक्त लोगों ने कैलाशपुरी चौराहे से वापस विजय नगर पुलिस चौकी ले गए वहा से राजू नामक युवक को बुलवाया और उसे भी मारते हुए जबरन गाडी में बैठाकर चारबाग की तरफ ले गए। चारबाग बस स्टैंड के पास उपरोक्त महिला गाड़ी से नीचे उतर गयी और बाकी व्यक्तियों ने संजय और राजू को नाका चौराहा के पास होटल पाल अवध के अन्दर कमरे में ले गए और वहा पर पहले से बैठे तीन चार लोग जो रिवाल्बर लिए थे।

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वहां पर बैठे सभी लोगों ने टार्चर करते हुए उदयराज नाम के व्यक्ति के घर का पता पूछा लेकिन उन लोगों को उसके घर का पता नहीं मालूम था उसके बावजूद STF पुलिस ने करीब 5 घंटे तक टार्चर करते हुए पूछताछ जारी रखा। पुलिस वालों ने धमकी देते हुए कहा की दो दिन का तुम्हे वक्त दे रहें हैं हमें उदयराज को पकड़वा दो नहीं तो तुम्हारे पूरे परिवार को बर्बाद कर दूंगा और तुम्हें उसका साथी दिखाकर इनकाउन्टर कर देंगे।

(STF) द्वारा किये गए कृत्य से पीड़ित और उसका परिवार काफी डरा व सहमा हुआ है और उन्हें डर हैं की STF पुलिस उन्हें फर्जी मुकदमे में फसाकर फर्जी इनकाउन्टर कर सकती है। पीड़ित ने संगठन से घटना में शामिल आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही और अपनी सुरक्षा के लिए मदद मांगी है। पीड़ित के पत्र के आधार पर HRMC ने मानव अधिकार आयोग, डी.जी.पी., मुख्यमंत्री को ईमेल भेज कर पीड़ित और उसके परिवार की सुरक्षा करते हुए उपरोक्त पुलिस वालों के खिलाफ कार्यवाही करने का अनुरोध किया हैं।

यहाँ देखें सम्बंधित दस्तावेज की कॉपी …

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