उत्तर प्रदेश के बलिया जिला में रहने वाली पॉलीटेक्निक की छात्रा संस्कृति हत्याकांड मामले में जांच में जुटी पुलिस टीमें अब तक लगभग 10 दिनों में 100 से अधिक संदिग्धों में टेंपो चालकों, हिस्ट्रीशीटरों, पुराने बदमाशों के अतिरिक्त संस्कृति के कॉलेज के छात्र-छात्रओं से पुलिस टीमों ने पूछताछ की। जबकि पुलिस ने 20 हजार से अधिक मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लिए बावजूद इसके अभी तक कातिल का सुराग नहीं लग सका है। हालांकि एसएसपी दीपक कुमार ने जल्द खुलासे का दावा किया था। घटनास्थल के आसपास मिले सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को सुराग मिले हैं, लेकिन ये सुराग कातिल को पकड़ने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। पुलिस की कार्यप्रणाली से नाखुश छात्रों का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिला। सीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इस हत्याकांड की जाँच यूपी एसटीएफ को सौंपी है।

एक नंबर पर संस्कृति की होती थी लंबी बातें

एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक, पुलिस को संस्कृति राय आईआईएम रोड पर मिली थी, जबकि उसे बादशाह नगर रेलवे स्टेशन जाना था। इसकी जांच के लिए पुलिस पॉलिटेक्निक से मुंशीपुलिया, टेढ़ीपुलिया और आईआईएम रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज तलाश रही है और उसकी जांच कर रही है। एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस को संस्कृति के किसी करीबी पर ही शक है, लेकिन अभी तक पुलिस किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। पुलिस के मुताबिक कुछ मोबाइल नंबर हैं, जिन्हें सर्विलांस पर लगाकर जांच की जा रही है। एक नंबर पर संस्कृति की लंबी बातें होती थी। उसकी भी जांच की जा रही है।

सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर संस्कृति राय नाम से कैंपेन

सोशल मीडिया पर जस्टिस फॉर संस्कृति राय नाम से कैंपेन चलाया जा रहा है, लेकिन अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।संस्कृति को इंंसाफ दिलाने के लिए लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें संस्कृति के पॉलिटेक्निक कॉलेज के साथी भी शामिल हैं, जो प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे हैं। हत्या के 6 दिन के बाद भी लखनऊ पुलिस के हाथ कुछ खास नहीं लगा है। संस्कृति राय की हत्या के बाद सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक पर उसे इंसाफ दिलाए जाने की गुहार लगाई जा रही है। पुलिस के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। लोग पुलिस और योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। इसके अलावा सियासी दलों ने भी संस्कृति राय को इंसाफ दिलाने के लिए योगी सरकार पर हमला बोला है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लेकर बलिया तक लोग सड़क पर कैंडल मार्च निकालकर उसके लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं।

कॉलेज के छात्र-छात्राओं से भी पुलिस ने की बात

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त संस्कृति के कॉलेज के छात्र-छात्राओं से भी बात की गई। घटनास्थल के आसपास मिली सीसीटीवी फुटेज से भी पुलिस को सुराग मिले हैं। बता दें कि राजकीय पॉलीटेक्निक के विद्यार्थियों ने बुधवार को एसएसपी से मिलकर संस्कृति हत्याकांड में किसी निर्दोष छात्र को न फंसाने की बात रखी। साथ ही पूरी घटना के जल्द खुलासे की मांग की। एसएसपी ने उन्हें आश्वासन दिया कि किसी भी निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी। साथ ही यह भी बताया कि साथी छात्र-छात्राओं को कोई रोल नहीं मिला है।

वकील उमेश कुमार राय छोटी बेटी थी संस्कृति राय

गौरतलब है कि बलिया जिला के फेफना इलाके के भगवानपुर गांव के रहने वाले वकील उमेश कुमार राय छोटी बेटी संस्कृति राय (17) लखनऊ में पॉलिटेक्निक कॉलेज में सेकेंड ईयर में पढ़ती थी। फर्स्ट ईयर में वो हॉस्टल में रही थी, लेकिन सेकेंड ईयर में उसे हॉस्टल नहीं मिला तो वह इंदिरानगर सेक्टर-19 में राजेंद्र अरोड़ा के मकान में किराए पर रहने लगी। 5 जून को संस्कृति भावनगर अपने घर गई थी।7 जून को उसका प्रैक्टिकल होना था, लेकिन वो 6 जून को ही लखनऊ पहुंच गई थी। परीक्षाएं खत्म होने के बाद संस्कृति 21 जून रात अपने घर जाने वाली थी।

मां नीलम को फोन कर दी थी घर आने की जानकारी

उसने अपनी मां नीलम को फोन करके कहा था कि वो घर आ रही है। इसके लिए उसे बादशाहनगर से ट्रेन पकड़नी थी। उसके साथ उसकी चंदौली की रहने वाली दोस्त पुष्पांजलि को भी जाना था। लेकिन संस्कृति स्टेशन पर नहीं पहुंची। पुष्पांजलि ने संस्कृति को फोन किया तो उसका फोन बंद था। इसके बाद पुष्पांजलि ने एक और सहेली को फोन कर बताया कि संस्कृति स्टेशन पर भी नहीं आई है और उसका फोन भी बंद है। उस सहेली ने संस्कृति के पिता उमेश कुमार को रात के 9:52 बजे फोन किया। परेशान पिता ने लखनऊ में रहने वाले एक रिश्तेदार को फोन किया और पूरी बात बताई। इसके बाद रात में ही वो रिश्तेदार गाजीपुर थाने के इंस्पेक्टर सुजीत राय के पास पहुंचा।गाजीपुर थाने के इंस्पेक्टर ने संस्कृति के पिता उमेश से बात की और अनहोनी की आशंका जताई।

घैला पुल के पास झाड़ियों में मिला था संस्कृति का शव

अगले दिन 22 जून की दोपहर करीब 12:00 बजे घैला गांव की रहने वाली एक महिला प्रेमा ने झाड़ियों में एक लड़की को गंभीर हालत में देखा। उसने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और उसे ट्रॉमा सेंटर लेकर गई। ट्रॉमा सेंटर में पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। लड़की के पास मोबाइल, पर्स या कोई ऐसे कागजात नहीं थे, जिससे पुलिस उसकी पहचान कर पाती। इसके बाद पुलिस ने उसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। गाजीपुर के इंस्पेक्टर सुजीत राय ने उस लड़की की शिनाख्त बलिया के फेफना के रहने वाले संस्कृति राय के तौर पर की। प्राथमिक जांच में इंस्पेक्टर मडियांव ने बताया कि लूट के इरादे से संस्कृति राय की हत्या की गई है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आस-पास खून के छीटें पड़े थे और ऐसा लग रहा था कि संस्कृति ने खुद के बचाव के लिए खूब संघर्ष किया।

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