शिव की नगरी काशी को प्रदेश का एक विशेष लोकसभा क्षेत्र है। दरअसल यह पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है। इस संसदीय क्षेत्र को 2016 में स्मार्ट सिटी बनाने की लिस्ट में शामिल किया गया था। लेकिन इस स्मार्ट सिटी में अब उसी तर्ज पर सड़कों पर घूम रही गायों को हटाया जाएगा काशी के बाहर गंगा के तट पर दस एकड़ में गौशाला बनाने पर तकरीबन ग्यारह करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे इलाके के गायों को सही जगह रखा जाए।

साल 2016 में स्मार्ट सिटी लिस्ट में शामिल है काशी

केंद्र सरकार ने 2016 में काशी को स्मार्ट सिटी की लिस्ट में शामिल किए जाने के बाद स्पेशल पर्पज वीइकल (एसपीवी) काशी स्मार्ट सिटी लिमिटेड (वीएससीएल) बनाया गया था और इसी के जरिये इस साल के अंत तक इस पर काम शुरू किया जाएगा। इस गौशाला का नाम कान्हा उपवन रखा जाएगा और इसे शहर से दूर इलाके के छितौनी गांव में गंगा के किनारे बनाया जाएगा।

वीएससीएल के एक दस्तावेज में कहा गया है, ‘रहने लायक सूचकांक और इंफ्रास्ट्रक्चर सेवाओं के मामले में काशी का प्रदर्शन बेहद खराब है। काशी शहर में एक बड़ी समस्या आवारा पशुओं की है।’ वीएससीएल के मुताबिक, इस प्रॉजेक्ट का मकसद काशी को आवारा पशुओं से मुक्त करना और इसे लोगों के लिए सुरक्षित और सेहतमंद बनाना के अलावा पशुओं के लिए प्राकृतिक और साफ-सुथरी जगह मुहैया कराना है, ताकि उसे रहने के लिए ठिकाना और चारा मुहैया कराया जा सके।

450 पशुओं का होंगा कान्हा उपवन

शहर के बाहर कम से कम 450 पशुओं के लिए गौशाला बनाने का है, ताकि इन आवारा पशुओं को साफ और प्राकृतिक माहौल में रखा जा सके और उन्हें हरा और सूखा चारा भी तय मात्रा के हिसाब से दिया जा सके।

काशी में आवारा पशुओं का खुलेआम घूमना एक गंभीर समस्या बन चुका है। रात में हालात और खराब हो जाते हैं, जब अंधेरे के कारण ड्राइवरों को आवारा पशुओं को देखना और मुश्किल हो जाता है। वाराणसी की गलियों में घूमने वाली ज्यादातर गायें सेहतमंद नहीं होती हैं और वे चारे के सहारे जिंदा नहीं रहती हैं। ये कचरा आदि खाती हैं और इनमें से कइयों को बीमारियां रहती हैं।’ इसमें कहा गया है कि आवारा पशुओं से अक्सर यहां की व्यस्त सड़कों पर जाम लग जाता है।

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