प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद गौ रक्षा को लेकर शुरू में जो निर्देश दिए गये, वे शायद अधिकारियों के जहन में धुंधले हो गये हैं. या शायद नगर निगम का ढुलमुल रवैया मुख्यमंत्री योगी के गौरक्षा की मंशा पर पानी फेरने में लगा हुआ हैं.

गौशाला और कांजी हाउस में लाखों खर्च करने के बाद भी गाय बेघर:

जहाँ एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गायों के प्रति इतनी अग्रसर थी कि मुख्यमंत्री बनने के बाद से भी योगी सरकार ने गायों की दशा सुधारने के लिए कई अहम फैसले लिए थे.

Stray cows on road due to municipal corporation ignorance

करोड़ो रुपयों की योजनाएं भी बनाई थी. इसी कड़ी में नगर निगम झाँसी ने सरकार के लाखों रुपयों से जिले के बिजौली क्षेत्र में कांजी हाउस का निर्माण करवाया.

साथ ही साथ कान्हा गऊ शाला भी बनवाई, जिसमे परस्पर लगभग 100 गायों को रखने की व्यवस्था भी की गई है. लेकिन पैसा और व्यवस्था देने के बाद भी नगर निगम गौ शाला में 30 से 40 गायों को ही रखता है. आखिर क्यों?

जगह जगह सड़कों पर बैठी गाय

नगर निगम झाँसी ने जिले में गायों को सुविधा देने और क्षेत्र में इधर उधर घूमने वाली गायों पर लगाम लगाने के लिए अलग से एक दस्ते का गठन किया है. ये दस्ता सडकों पर विचरने वाली आवारा गायों को पकड़ने का काम करता है.

लेकिन आज कल वो भी निष्क्रिय होता दिखाई दे रहा है. UttarPradesh.Org के कैमरे की नजरों से साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से सड़कों पर गाय बैठी हुई है.

Stray cows on road due to municipal corporation ignorance

कभी कभी यही गाय और बेल उग्र रूप भी ले लेते हैं. जिससे आने जाने वाले राहगीरों को काफी परेशानी का सामना भी करना पड़ता है।

नगर निगम बना मूकदर्शक

जिस नगर निगम को शहर की सुविधा और गायों को उनके सही स्थान पर पहुंचाने की जिम्मेदारी मिली है, वे अपनी जिम्मेदार से भागते और शहर का ये हाल देख कर भी खाने मूंद लेते हैं.

Stray cows on road due to municipal corporation ignorance

सड़कों पर बैठी गायों को देखकर भी नगर निगम की गाड़ियां वहाँ से निकल जाती है लेकिन न तो उन गायो को सड़कों से उठाया जाता है और न ही नगर निगम के कांजी हाउस में या अन्य किसी गऊ शाला में भेजा जाता है

क्या नगर निगम को किसी बड़े हादसे का इंतजार?

जिस तरह से सड़कों पर हर जगह गाय, बैल व अन्य बड़े जानवर नजर आ रहे हैं, उनको देखकर बस यही लगता है कि नगर निगम केवल कागजों में ही गायों की सुरक्षा का दावा करता है. लेकिन धरातल पर कुछ नहीं है.

Stray cows on road due to municipal corporation ignorance

जिस तरह से नगर निगम के कर्मचारी भी सड़कों पर बैठी गायों को देखकर वहाँ से निकल जाते हैं, उससे तो यही प्रतीत होता है कि गायों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने की बजाए उनको अनदेखा कर सड़कों पर किसी बड़े ट्रक, बस या गाड़ी का शिकार होने के लिए छोड़ दिया जाता है.

वहीं इसके इतर नगर निगम सिर्फ कागजों में हर रोज गायों को पकड़कर गौशाला, कांजी हाउस भेजने का कार्य पूरा करता है.

इनपुट: अभिषेक तिवारी

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