उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों के आत्महत्या का दौर लगातार जारी है। पिछले दिनों कई पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के आत्महत्या करने के मामले प्रकाश में आ चुके हैं। अभी हाल ही में फर्रुखाबाद में तैनात दारोगा तरुण द्वारा आत्महत्या करने के किस्से को लोग भूल भी नहीं पाए थे कि गाजियाबाद के थाना कविनगर में तैनात सब दारोगा विजय थानुआ ने भी खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी मिलते ही महकमें में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में दरोगा को गंभीर हालत में यशोदा हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया, जहां उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस पूरे मामले की तफ्तीश की जा रही है।

जानकारी के मुताबिक, कविनगर थाने में तैनात सब दारोगा विजय ने बुधवार सुबह सबेरे खुद को सिर में गोली मार ली। दारोगा विजय कविनगर थाना परिसर में बने आवास में रहते थे। आज सुबह कविनगर थाने परिसर में अपने इसी आवास में थे। उन्होंने अपनी सर्विस रिवाल्वर से ही खुद को गोली मारी। थाने के अंदर गोली की आवाज से सनसनी फैल गई। हालांकि खुद को गोली मारने का कारण अभी साफ नही हुआ है। घायल दारोगा विजय को गम्भीर हालत में पास के सर्वोदय हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें यशोदा हॉस्पिटल भेजा गया। इलाज के दौरान अस्पताल में दारोगा विजय की मौत हो गई।

बताया जा रहा की दारोगा डिप्रेशन में थे और मथुरा में मारपीट का मुकदमा उन पर दर्ज हुआ था। इसके बाद वह काफी तनाव में चल रहे थे। कविनगर थाना प्रभारी प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने बताया कि करीब 42 वर्षीय विजय 1995 में यूपी पुलिस में सिपाही के रूप में भर्ती हुए और 2012-13 में दारोगा बने। विजय कुमार पूर्व में कविनगर की राजनगर सेक्टर-9 चौकी के प्रभारी रह चुके हैं और फिलहाल थाने में तैनात थे। मूल रूप से मथुरा के रहने वाले विजय कुमार कविनगर थाना परिसर में बने स्टाफ क्वार्टर में अकेले रहते थे।

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