देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बेहद करीबी और उनके ड्राइवर कर्नल निजामुद्दीन का सोमवार सुबह आजमगढ़ में निधन हो गया। कर्नल निजामुद्दीन 117 साल के थे। लोकसभा चुनाव के दौरान वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी ने उनके पैर छुए थे। कर्नल निजामुद्दीन का नाम दुनिया के सबसे उम्रदराज व्यक्ति के नामों में भी शुमार था। उन्होंने नेता जी सुभाष चंद्र बोस के मौत से जुड़े कई अहम खुलासे भी किए थे।
बीमार थे निजामुद्दीन
- कर्लन निजामुद्दीन का जन्म 1 जनवरी 1900 को आजमगढ़ के ढाकवा गांव में हुआ था।
- उनके पिता इमाम अली सिंगापुर में कैंटीन चलाते थे।
- कर्लन निजामुद्दीन 25 साल की उम्र में सिंगापुर चले गए।
- यहां वह कुछ दिनों बाद नेताजी की आजाद हिंद फौज में भर्ती हो गए।
- इसी दौरान नेताजी की नज़र उन पर पड़ी और उनके काम को देखते हुए अपना बॉडीगार्ड और ड्राइवर रख लिया।
- 1969 में निजामुद्दी वापस अपने देश, अपने गांव लौट आएं।
- वह पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे।
- आज सुबह करीब 4 बजे उन्होंने आजमगढ़ के मुबारकपुर निवास में अंतिम सांस ली।
- उन्हें सोमवार दोपहर 2 बजे सुपुर्दे-ए-खाक किया जाएगा।
नेताजी की मौत को लेकर अहम खुलासा
- कर्नल निजामुद्दीन ने दावा किया था कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मौत विमान हादसे में नहीं हुई थी।
- उन्होंने कहा था कि मैंने बर्मा में छितांग नदी के पास 20 अगस्त 1947 को नेताजी को आखिरी बार देखा था।
- जापान के फौजी उन्हें वहां से उठाकर ले जा रहे थे।
- उन्होंने यह दावा 2014 में काशी विद्यापीठ के एक प्रोग्राम में किया था।
- साथ ही कहा था कि सरकार ने उनके बयान लिए बिना ही नेताजी की मौत की खबर फैला दी।
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