सुलतानपुर । उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में ग्राम प्रधान ने प्रधानमंत्री आवास योजना में पात्रों का गला घोंट कर चहेतों की झोली को भर डाला। इसका सच तब उजागर हुआ जब रविवार तड़के कच्चे मकान में सो रहे दम्पति पर दीवार ढह गई। दीवार के गिरते ही तेज आवाज हुई, ग्रामीण जब तक मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू व बचाव कार्य करते तब तक दम्पति मौत काल के गाल में समा चुके थे।

मानवता को शर्मसार करते हुए दिल को दहला देने वाली ये घटना सुलतानपुर जिले के धम्मौर थाना क्षेत्र के रामपुर अमेठा अंतर्गत कोहांरन का पुरवा गांव की है। इसी गांव के निवासी राम तीरथ (45)  अपनी पत्नी गुड्डन (44) के साथ शनिवार की रात अपने मकान में सो रहे थे और बच्चे दूसरी ओर सोए थे। बताया जा रहा है कि रविवार अल सुबह कच्ची दीवार अचानक भरभरा कर राम तीरथ और गुड्डन पर जा गिरी। मलबे में दबकर दोनों की मौके पर मौत हो गई। इस तरह माता-पिता की मौत से बच्चों के सिर से जहां मां बाप का साया छिन गया तो वहीं दूसरी तरफ परिजनों में रोना-पीटना मच गया।

जनहानि व क्षति का आकलन करने मौके पर पहुंचे एसडीएम

उधर सूचना पर पुलिस ने दम्पति के शव का पंचनामा भर कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। जहां रविवार की सुबह डीएम रवीश कुमार गुप्ता ने पीएम के सपनों का आस सजोए बैठे दम्पति के दुनिया को अलविदा कह चुके राम तीरथ के दरवाजे पर एसडीएम सदर रामजीलाल को मौके पर भेजा । और जिलाधिकारी ने एसडीएम को क्षति का आकलन कर मुआवजे की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

 

लेकिन इस घटना ने जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े पैमाने पर हो रही धांधली का कच्चा-चिट्ठा खोलकर रख दिया है। तो वहीं बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिरकार इस आपदा का आंकलन कर मुवावजे की बात तो शासकीय योजनाओं व कागजों तक ठीक हैं लेकिन जिन बच्चों के सर से देखते ही देखते मां बाप का साया छिन गया इसकी भरपाई आखिरकार कौन करेगा । ऐसे में सवाल उठना भी लाजिमी है कि आखिरकार राम तीरथ अगर प्रधानमंत्री आवास योजना का पात्र लाभार्थी था तो योजना का लाभ क्यों नहीं पा सका , अगर नहीं पाया तो इतनी बड़ी अनियमितता का दोषी कौन ? ऐसे कई अनसुलझे सवालों की एक लम्बी फेहरिस्त प्रशासन के सामने आने लगी है ।

प्रधान ने नहीं दिया पीएम के सपनों का आवास..

इसी गांव के निवासी मनोकनिका तिवारी पुत्र रामआधार तिवारी ने ग्राम प्रधान अशोक कुमार यादव के ऊपर कई गम्भीर आरोप लगाएं है। उन्होंने बताया कि गांव में बरसात का पानी जमा है, जिसके पानी निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रधान से हमने अपने बहू के लिए कालोनी की मांग किया, बैठक भी हुई लेकिन उन्होंने हमारी फरियाद को अनसुना कर दिया। लेकिन हां अपने चहेतों को कालोनी जरूर पास करा दिया। शौचालय की लिस्ट में मेरा नाम आया परंतु आजतक ना शौचालय बना ना ही पैसा मिला। उन्होंने ये भी बताया कि मृतक समेत तकरीबन 15 से 20 पात्रों को आवास नहीं दिया गया है। अगर इनके आरोप सही है तो कार्यवाही की जद में सरकारी धन के अपव्यय में ग्राम प्रधान समेत सेक्रेटरी की बंदर बांट इसकी वजह मानी जा सकती है ।

सुल्तानपुर से uttarpradesh.org के लिए ज्ञानेंद्र की रिपोर्ट

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