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मदरसों के सर्वे से अल्पसंख्यकों में असंतोष जनक स्थिति पैदा होगी: मजलिसे उलेमा-ए-हिंद

Majlise Ulema-e-Hind

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मदरसों के सर्वे से अल्पसंख्यकों में असंतोष जनक स्थिति पैदा होगी: मजलिसे उलेमा-ए-हिंद

लखनऊ :

मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के सभी सदस्यों ने ग़ैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सरकारी सर्वे करने के उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय पर असंतोष व्यक्त किया और सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की। उलेमा ने कहा कि अनुच्छेद 30(1) के अनुसार भारत में अल्पसंख्यकों को अपने शिक्षण संस्थान चलाने और उनका प्रबंधन करने की पूरी आज़ादी हासिल हैं। उलेमा ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां विभिन्न धर्म और पंत के लोग रहते हैं। हर धर्म और पंत के लोगों को अपनी धार्मिक शिक्षा के लिए आज़ादी हासिल है। आज़ाद हिंदुस्तान में अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के सर्वे की कभी मांग नहीं की गई। इसलिए हम सरकार से ग़ैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सरकारी सर्वे कराने के आदेश पर पुनर्विचार की मांग करते हैं। उलेमा ने कहा है कि मदरसों का अपना निज़ाम मौजूद है जिस पर संदेह करना अल्पसंख्यक समूहों को संदेह की दृष्टि से देखने जैसा है। सरकार के पास मान्यता प्राप्त मदरसों के संबंध में फरमान जारी करने का अधिकार सुरक्षित है, लेकिन ग़ैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का आदेश अल्पसंख्यकों के अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसकी समीक्षा की जानी चाहिए।

मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी ने अपने बयान में कहा कि सरकार के इस फैसले से अल्पसंख्यकों में सरकार के प्रति असंतोष पैदा होगा। अगर गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराना है तो केवल अल्पसंख्यक मदरसों के सर्वे की बात ना की जाये। हिंदुस्तान में मौजूद सभी धर्मों और समुदायों के शिक्षण संस्थानों का सर्वे कराया जाये ताकि असमानता का मसला पैदा न हो। इससे अल्पसंख्यको के शिक्षण संस्थानों की वर्तमान स्थिति का भी पता चलेगा और यह भी स्पष्ट होगा कि मुसलमानों के मदरसे अन्य वर्गों के शिक्षण संस्थानों की तुलना में कितने पिछड़े हुए हैं।

मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के सभी सदस्यों ने उत्तर प्रदेश सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है जिनमें मौलाना नईम अब्बास संरक्षक मजलिसे उलेमा-ए-हिंद, मौलाना सै० हुसैन मेंहदी हुसैनी मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष, मौलाना सै० मुहम्मद मोहसिन तक़वी इमामे जुमा शिया जामा मस्जिद दिल्ली, मौलाना निसार अहमद ज़ैनपुरी उपाध्यक्ष, मौलाना सैय्यद कल्बे जवाद नक़वी महासचिव, मौलाना सै० सफ़दर हुसैन जौनपुरी, मौलाना सै० तक़ी आग़ा हैदराबाद, मौलाना ग़ुलाम मेंहदी ख़ान चेन्नई, मौलाना करामत हुसैन जाफ़री कश्मीर, मुहम्मद हुसैन लुत्फ़ी कारगिल, मौलाना सै० आबिद अब्बास दिल्ली, मौलाना सै० तक़ी हैदर दिल्ली, मौलाना तसनीम मेंहदी ज़ैदपुरी, मौलाना सै० रज़ा हुसैन रिज़वी, मौलाना अमानत हुसैन पटना बिहार, मौलाना शबीब काज़िम मुज़फ्फरपुर, मौलाना मीर अज़हर अली आब्दी कर्नाकट, मौलाना सै० रज़ा हैदर ज़ैदी, मौलाना सै० ग़ुलाम रज़ा रिज़वी, मौलाना सै० नजीबुल हसन ज़ैदी, मौलाना मेहर अब्बास कोलकाता और अन्य उलेमा शामिल हैं।

जारी कर्ता : मजलिस-ए-उलेमा-ए-हिंद

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