परिसर में 24 घंटे डॉक्टर व नर्स सहित ऑनकॉल चिकित्सकीय सुविधा…, फार्मेसी…, अतिथि गृह…, डिपार्टमेंटल स्टोर…, इंडोर गेम के लिए बेहतर इंतजाम… व समारोह आदि के लिए हाल…। कुछ ऐसी ही लुभावनी सुविधाओं को ब्रोशर में देखकर बैंक ऑफ बड़ौदा से सेवानिवृत्त हुए आनंद प्रकाश गुप्ता ने वर्ष 2009 में सुशांत गोल्फ सिटी के संतुष्टि अपार्टमेंट्स में एक लैट बुक कराया था।लेकिन, बाद में जब सच्चाई सामने आयी तो होश उड़ गए।

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दिखाए थे सुंदर सपनें

  • आशा थी कि तीन साल में यह लेट मिल जाएगा। लिहाजा यहां आगे की जिंदगी आराम से कटेगी ।
  • जब कभी बीमार पड़ेंगे तो चिकित्सा सुविधा तो होगी ही।
  • साथ ही, साथियों संग इंडोर गेम का आनंद भी लिया जाएगा। छोटे समारोह भी हॉल में हो जायेंगे।
  • सुरक्षा के भी बेहतर इंतजाम होने से निश्चिंत होकर सो सकेंगे। लेकिन आनंद के सपने कोरे ही साबित हुए।
  • अंसल द्वारा तो कम्युनिटी हॉल बनाने व उसमें इस कदर सुविधाओं की बातें हवाहवाई ही रहीं।
  • जिन्हें दिखा सभी लैट्स बेच लिए गए और अब करीब आठ साल के बाद कम्युनिटी सेंटर की जगह खुला मैदान है।

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  • अब निवासी आपत्ति जता रहे हैं तो भी जिम्मेदार उन्हें यह सुविधाएं देने को तैयार नहीं।
  • अंसल बिल्डर्स ने सुल्तानपुर रोड पर सुशांत गोल्फ सिटी में बुजुर्गों के लिए एक ब्लॉक का निर्माण कराया।
  • इसमें कुल 142 लैट्स बनाये गए। इसमें 100 सिंगल रूम व 42 डबल्स रूम के थे।
  • वर्ष 2009 में इनका आवंटन निकाला गया।
  • ब्रोशर के मुताबिक, तीन ब्लॉक में बने इन लैट्स के साथ उसी ब्लॉक में एक क युनिटी सेंटर भी दिखाया गया।
  • ब्रोशर में बेहद आकर्षक दिख रहे इस ब्लॉक में क युनिटी सेंटर उसकी जान थी, जिसके प्रति खासे वरिष्ठजन आकर्षित हुए।
  • लिहाजा, तेजी से आवंटन शुरू हो गए।

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2016 में मिला था कब्जा

  • 1700 रुपए प्रति स्क्वायर फीट के हिसाब से करीब 800 स्क्वायर फीट में बने सिंगल रूम के लैट की बुकिंग हुई।
  • जबकि डबल रूम सेट के लैट 1100 स्क्वायर फीट के करीब थे।
  • आवंटन के तीन वर्ष बाद आवंटियों को लैट उपलब्ध कराये जाने थे।
  • आनंद बताते हैं कि इस हिसाब से उन्हें वर्ष 2013 में कब्जा मिल जाना चाहिए था।
  • लेकिन इसमें तीन साल की देरी की गई।लिहाजा उन्हें वर्ष 2016 में कब्जा मिला।
  • सी ब्लॉक में के-702निवासी आनंद बताते हैं कि इस दौरान उन्हें तीन साल तक मजबूरन किराये पर रहना पड़ा ।

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  • सिंगल रूम के लैट 14 लाख व डबल के 18 लाख रुपए के पड़े।
  • इसके बाद जब वह यहां रहने आए तो क युनिटी सेंटर का नामोनिशान नहीं दिखा।
  • पहले तो सेंटर बनाये जाने की बातें कही गईं लेकिन बाद में इसे एक पार्क का रूप दे दिया गया।
  • इस पर सभी निवासियों ने आपत्ति की। कई बार पत्र लिखे गए लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया।
  • बाद में आवंटियों ने लखनऊ विकास प्राधिकरण में सूचना का अधिकार के तहत जवाब मांगा ।
  • तो बताया गया कि अंसल मानचित्र में बदलाव के लिए आवेदन कर रहा है।
  • इस पर सभी निवासियों ने नाराजगी जाहिर की।
  • बावजूद इसके अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।

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  • लिहाजा आनंद सहित अन्य निवासियों ने मामले को न्यायालय में ले जाने का निर्णय लिया है।
  • डीआरडीओ से सेवानिवृत्त हुए सी-703 निवासी यूके बाजपेयी कहते हैं, हमें तो जो ब्रोशर में दिखाया गया।
  • वह सभी सुविधाएं चाहिए। चाहे इसके लिए हमें कुुछ भी करना पड़े।
  • अगर ऐसा नहीं होता है तो हम हर स्तर पर लड़ाई लडेंग़े।
  • आनंद व यूके बाजपेयी की तरह अन्य सभी आवंटी भी अंसल द्वारा किये गए धोखे की तकलीफ सह रहे हैं।
  • साथ ही वे अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं।
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