देश के पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे पंजाब कांग्रेस के प्रभारी महासचिव बनाए जा सकते हैं। हाल ही इस पद पर नियुक्ति‍ के तुरंत बाद कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया था।

शीला दीक्षित का नाम टैंकर घोटाले में आने के बाद पार्टी अब अन्य विकल्पों की ओर देख रही है जिसमें सुशील कुमार शिंदे को पंजाब की कमान मिलती तय लग रही है। वहीं राहुल के करीबी और युवा नेता जितिन प्रसाद को यूपी की कमान दी जा सकती है।

गौरतलब है कि कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को एक ब्राह्मण चेहरा देने की बात की थी। जितिन प्रसाद को निर्मल खत्री की जगह यूपी कांग्रेस का अध्यक्ष या चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाये जाने के संकेत मिल रहे हैं। इस बदलाव को कांग्रेस में शुरू हो रहे नए परिवर्तन के तौर पर भी देखा जा रहा है।

कमलनाथ के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस पंजाब के शीर्ष नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह के कद को देखते हुए पार्टी किसी ऐसे चेहरे की तलाश में है जो अमरिंदर सिंह से बेहतर ताल-मेल के साथ काम कर सके और ऐसे में कांग्रेस के पास गिने-चुने चेहरे ही इसके विकल्प के रूप में बचते हैं जिनमें सुशील कुमार शिंदे प्रमुख हैं। पंजाब में दलित वोटरों की संख्या को भी सुशील कुमार शिंदे के नाम पर सहमति का कारण माना जा रहा है। पंजाब में करीब 30 फीसदी दलित वोटर्स हैं।

वहीं अगर यूपी की बात करें तो कांग्रेस भी मुस्लिम-ब्राह्मण समीकरण पर काम करती दिख रही है और पार्टी आगामी चुनावों में इसे मुख्य हथियार बनाने की कवायद में जुटी हुई है। पार्टी के अनुभवी नेताओं को अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी सकती है। पहले ही पार्टी ने मिस्त्री की जगह गुलाम नबी आजाद को प्रभारी बना चुकी है और ऐसे में राजेश मिश्रा और प्रमोद तिवारी को भी किसी कमेटी की कमान सौंपी जा सकती है।

सूत्रों के अनुसार, सोनिया गाँधी भी चाहती हैं कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अनुभव का फायदा युवाओं को मिले और धीरे-धीरे पार्टी में युवाओं को आगे किया जाए।

 

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