किरकिरी के बाद आखिरकार योगी सरकार की नींद खुली और उन्होंने स्कूल में बच्चों को स्वेटर बाँटने का आदेश जारी कर दिया. योगी सरकार को पिछले महीने से ही स्वेटर न बाँटने के कारण आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है. स्कूल में बच्चे इतनी ठंड में बिना स्वेटर के जाने को मजबूर थे. (sweater distribution)

योगी सरकार ने लिया फैसला (sweater distribution)

किरकिरी के बाद आखिरकार योगी सरकार ने स्कूलों में स्वेटर बांटने को मंज़ूरी दे दी है. जबकि आदेश दिया गया है कि सरकार नहीं प्रबंधक बांटेंगे स्वेटर. विद्यालय प्रबंध समिति खरीदेगी स्वेटर और  प्रबंधक स्वेटर बांटेंगे. बार-बार टेंडर कराने से देरी हो रही थी.

स्वेटर न मिलने से अभिभावक नाराज

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के घरवालों का कहना है कि मंत्री को क्या पता कि मासूमों को कितनी सर्दी लगती है. उनके घर में ऐसी और हीटर लगे हैं तो वो बाहर की सर्दी क्या जानें. uttarpradesh.org ने पहले ही बताया कि प्रदेश में स्वेटर बांटने के लिए कुल 1.53 करोड़ रुपये के स्वेटर उत्तर प्रदेश में गरीब विद्यार्थियों को वितरित किया जाना है. बहुत पहले 390 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया. लखनऊ की एक फर्म ने ई-निविदा (ई-टेंडर) के जरिये इसके लिए 248 रुपये का न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया.

टेंडर के कारण हुई देरी

बजट के अनुसार, प्रत्येक स्वेटर के लिए अनुमानित अनुमान 254/ – रुपये आता है। इसके बाद भी अधिकारियों ने कुछ अच्छे कारणों से निविदा रद्द कर दी। ई-निविदा के तहत यह उत्तर प्रदेश के लिए एक केंद्रीकृत खरीद थी। एक कंपनी को ये स्वेटर निर्माण कराकर वितरण करना था। इस पर अधिकारियों ने सुझाव दिया कि प्रत्येक जिला को स्वेटर खरीदने और वितरित करने की अनुमति दी जाएगी जो कि बहुत आसान होगा और छात्रों को समय से स्वेटर वितरित किया जा सकता है। अगर ये बात बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल ने मान लो होती तो सभी 75 जिलों में बच्चों को अब तक स्वेटर समय से वितरित किये जा सकते थे। लेकिन मंत्रालय ने इस आदेश को टाल दिया। (sweater distribution)

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