Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

पहली बार द्विपक्षीय शीर्ष पटल युद्धाभ्यास का आयोजन किया जायेगा

table top exercise indian army conducts operations

भारत-वियतनाम के मध्य पहले द्विपक्षीय शीर्ष पटल युद्धाभ्यास का आयोजन मध्य प्रदेश के जबलपुर में 29 जनवरी 2018 से 3 फरवरी 2018 तक आयोजित किया जायेगा। यह युद्धाभ्यास भारतीय सेना द्वारा मित्र देशों के साथ आयोजित होनेवाले युद्धाभ्यासों का एक हिस्सा है।

संयुक्त राष्ट्र मिशन के नियमों के अनुरूप शांति मिशन प्रशिक्षण के तहत आयोजित होनेवाले इस संयुक्त युद्धाभ्यास में भारतीय सेना तथा वियतनाम पिपल्स आर्मी, प्रत्येक की ओर से 15 सैन्यधिकारी भाग लेगें। वियतनाम के सैन्यधिकारियों को संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के अनुरूप प्रशिक्षण के लिए इस संयुक्त युद्धाभ्यास को विशेष रूप से आकार दिया गया है।

संयुक्त राष्ट्र मिशनों में सेवारत एवं बड़ी संख्या में जवानों को भेजने का भारत का एक लंबा एवं शानदार इतिहास रहा है । वियतनाम पिपल्स आर्मी के लिए यह एक अच्छा अवसर है जिससे वह एक दूसरे की श्रेष्ठ प्रशिक्षण अभ्यासों, युद्धक रणनीति एवं प्रक्रियाओं को समझते हुए दोनों देशों को सशक्त बनायेगें। इस दौरान दोनों देशों की सेनायें अपने-अपने अनुभवों को एक दूसरे से साझा करेंगी। इस युद्धाभ्यास से दोनों देशों की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में मदद मिलेगी।

 

सेवानिवृत्ति के बाद हुई सजा पर सैनिक की पेंशन रोंकेने का अधिकार थल-सेनाध्यक्ष को नहीं: विजय कुमार पाण्डेय

पूर्व सिपाही सतेन्द्र सिंह पाल ने सर्विस पेंशन के लिए पेंशन रेगुलेशन 1961 भाग-2 के पैरा-74 को संविधान के अनुच्छेद-300A के प्रतिकूल बताते हुए सेना कोर्ट से उसे निरस्त कराने में सफलता प्राप्त की ए ऍफ़ टी बार के महामंत्री विजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि सतेन्द्र सिंह पाल26 दिसम्बर 1986 में भर्ती हुआ उसके खिलाफ धारा-306 भारतीय दंड-संहिता के तहत मुकदमा दर्ज हुआ और उसे 12 मई 1989 को जेल हुई 16 सितम्बर 1989 को जमानत कराकर डियूटी ज्वाइन की बाद में उसे आई पी सी की धारा-304, भाग-1 के तहत सात साल की सजा और रु.1000 जुर्माना हुआ लेकिन जमानत कराकर दुबारा 2 अगस्त 1996 को ड्यूटी ज्वाइन कर ली।

याची के अधिवक्ता पीके शुक्ला ने जोरदार बहस करते हुए कहा कि डीएसआर 1987 के पैरा 423 के तहत केंद्र सरकार, थल-सेनाध्यक्ष एवं ब्रिगेड कमांडर को कार्यवाही करने को मिली शक्ति सेवानिवृत्त हुए सैनिक के मामले में वैकल्पिक है। जिसका प्रयोग नहीं हुआ और सैनिक की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद भेजी गई अधिवक्ता नोटिस 11 फरवरी 2006 के आधार पर अस्थाई-पेंशन जारी कर दी गई। लेकिन उसे 7 जून 2010 से 6 अप्रैल 2012 तक सजा काटनी पड़ी रिहा होने के बाद उसने 22 जून 2012 को पत्र भेजकर पेंशन सहित सभी लाभ 30 जून 2004 से मांगे लेकिन सेना और सरकार ने इनकार कर दिया। याची के अधिवक्ता पीके शुक्ला ने कहा कि सभी अपील के आर्डर 6 अप्रैल 2012 के आर्डर में समाहित हो गए। क्योंकि ‘लॉ आफ मर्जर’ का सिद्धांत लागू होगा जबकि यह आदेश सेवानिवृत्ति के छः वर्ष बाद जारी हुआ।

Related posts

हरदोई: तार चोरी के दौरान करंट लगने से हुई थी युवक की मौत,हुआ खुलासा

Desk
3 years ago

केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज रायबरेली के दौरे पर, कार्यक्रम में करेंगी शिरकत!

Divyang Dixit
7 years ago

छिटपुट हिंसा-लाठीचार्ज और हंगामे के बीच मतदान संपन्न

Sudhir Kumar
7 years ago
Exit mobile version