ताज महोत्सव के दूसरे दिन जहाँ पर्यटन मंत्री कार्यक्रम स्थल पर पहुंची वही कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। मगर कला के कद्रदान महोत्सव में दूसरे दिन भी नदारद रहे। पदम् श्री से सम्मानित लोकगीत गायिका बसंती बिष्ट के साथ-साथ लोकगीत गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी की लोक संगीत संध्या में भी दर्शक दीर्घा खाली रहीं। टिकट बिक्री कम होने से अफसरों की धड़कनें बढ़ गई हैं। वहीं साउंड सिस्टम में परेशानी को लेकर मालिनी अवस्थी भी परेशान रही और मंच से इसके लिए शिकायत करती दिखाई दी।

27वें ताज महोत्सव के आयोजन के दूसरे दिन सूबे की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी मौजूद रहीं। प्रशासन ने उनके पहाड़ी मूल को ध्यान में रख मुक्ताकाशीय मंच पर समय से पहले उत्तराखंड की जागर शैली की एकमात्र महिला गायिका पद्मश्री बसंती बिष्ट की प्रस्तुति का प्रबंध किया गया। उन्होंने अपनी कला का जादू बिखेरा। उसके बाद रंगलोक कथक केंद्र के कलाकारों ने मुक्ताकाशीय रंगमंच पर नृत्य नाटिका ‘छत्रपति शिवाजी’ की प्रस्तुति दी। शिवाजी के 388वीं जयंती को समर्पित इस प्रस्तुति में 25 नर्तकों ने शिवाजी के जीवन की कई घटनाओं का वर्णन किया।

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नृत्य नाटिका के जरिए यह बताया गया कि पुणे में पैदा हुए शिवाजी ने किस तरह मराठा साम्राज्य का विस्तार किया और किस तरह संगठन मजबूत कर अपनी बहादुरी के बल पर मुगल शासकों से लोहा लिया। राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान का उल्लेख नाटिका के जरिए किया गया। ताज महोत्सव में शिल्पग्राम में मुख्य मंच पर सोमवार को प्रमुख कार्यक्रम लोकगायिका मालिनी अवस्थी का रहा। वह रात 10ः30 बजे के करीब मंच पर पहुंची। उन्होंने शुरुआत गणपति वंदना से की। इसके बाद उन्होंने गीत सुनयना को हर्ष भयो, आज सीता का जनम भयो.. सुनाकर रंग जमाना शुरू किया। अगली प्रस्तुति उन्होंने अमीर खुसरो के कलाम आज रंग है ऐ मां, रंग है री.. की दी।

इसी दौरान साउंड सिस्टम ने रंग में भंग डाल दिया। कई बार मंच से मालिनी अवस्थी के कहने के बावजूद जब साउंड सिस्टम सही नहीं हुआ तो वह मंच से नीचे उतर आईं। साउंड सिस्टम चेक कराया। इसके बाद चेक किया गया तो मंच के ऊपर गड़बड़ थी। उन्होंने कहा कि लाखों रुपया महोत्सव पर खर्च हो रहा है। कैसे देखने वाले हैं? साउंड सिस्टम की खराब से गाने को मूड़ नहीं बन रहा। इसके बाद भी उन्होंने कई लोकगीत सुनाए, लेकिन साउंड सिस्टम सही नहीं होने से उन्हें काफी परेशानी हुई। उन्होंने सोहर समेत कई लोकगीत सुनाए।

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लड़कियों के जन्म पर भी सोहर गाने की जरूरत

ताज महोत्सव में प्रस्तुति देने आईं पदमश्री मालिनी अवस्थी ने कहा कि हम आजकल के ऐसे लोगों से मुकाबला नहीं कर सकते हैं जो कहते हैं कि हमें 50 लाख लाइक मिले हैं। 50 हजार लाइक मिले हैं। हकीकत यह है कि लाइक खरीदे जा रहे हैं। वह मंच पर प्रस्तुति से पूर्व ग्रीनरूम में प्रेसवार्ता कर रही थीं। मालिनी अवस्थी ने कहा कि ताज महोत्सव जैसे मंचों की वजह से आज लोकगीत शैली जिंदा है। अगर आज मैं 600 साल पुराने लोकगीत मंच से माइक पकड़कर गा रही हूं तो महिला सशक्तीकरण की सबसे बड़ी मिसाल है। उन्होंने कहा कि लड़कों के जन्म पर सोहर गाया जाता है। अगर इसे लड़कियों के जन्म पर भी गाया जाए तो बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान की जरूरत ही नहीं होती।

 

श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध

आगरा में लगने वाले ताज महोत्सव के दूसरे दिन मशहूर लोक गायक मालिनी अवस्थी ने अपनी आवाज का जादू बिखेरा। मालिनी अवस्थी ने अपनी सुरीली आवाज में तमाम लोक गीत प्रस्तुत किये। गीत के दौरान मंच पर जमकर नृत्य भी किया गया। मालिनी अवस्थी की आवाज सुनने के लिए भारी तादात लोग पहुंचे। करीब एक घंटे तक अलग-अलग गीतों गाये और सुन कर लोग मन्त्र मुग्ध हो गये।

 

खराब म्यूजिक सिस्टम पर नाराज हुए मालिनी अवस्थी

आगरा में चल रहे ताज महोत्सव में मशहूर लोक गायिका मालिनी अवस्थी नाराज हो गयीं। खराब म्यूजिक सिस्टम की वजह मालिनी अवस्थी को गाने में काफी दिक्कतें आ रहीं थीं। पहले मंच से बोल दिया लाखों रुपये खर्च करने वाला ये म्यूजिक सिस्टम नहीं लग रहा है। मालिनी अवस्थी ने फिर से गाना शुरू लेकिन खराब म्यूजिक सिस्टम के वजह से फिर नहीं गा पायीं। थक-हार कर मालिनी अवस्थी मंच उतर कर खुद नीचे आ गयीं और जिस जगह से म्यूजिक सिस्टम ऑपरेट हो रहा था वहां पहुँच गयीं। तब जा कर मालिनी अवस्थी का कार्यक्रम शुरू हो पाया। म्यूजिक सिस्टम के खराब होने पर प्रशासन और पर्यटन विभाग पर सवाल खड़े हो रहे हैं। महोत्सव में लाखों रूपये फूंके जा रहे हैं और म्यूजिक सिस्टम खराब काम कर रहा है।

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