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तन्वी पासपोर्ट प्रकरण- कुलदीप अपहरण कांड में पुलिस अब तक खाली हाथ

tanvi seth passport case witness kuldeep singh attempt to kidnapped

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तन्वी सेठ पासपोर्ट प्रकरण में एक नाम सामने आया था जिसने विजय मिश्रा की मदद की गयी थी और उसके बयान ने पूरी मीडिया में खलबली मचा दी थी जिसका नाम था कुलदीप सिंह. वहीँ कुलदीप सिंह पासपोर्ट प्रकरण के प्रमुख गवाह पर जिन्होंने तन्वी सेठ के बयानों का विरोध करते हुए ट्विटर पर अपनी बात लिखी थी. इसके बाद तमाम मीडिया कुलदीप से पूरी बात जानने के लिए उससे संपर्क करने लगा. जिसके बाद कुछ ही दिनों में कुलदीप सिंह का जानकीपुरम के एकेटीयू के पास से  स्कार्पियो सवार अपहरणकर्ताओं ने कुलदीप सिंह को अगवा कर लिया था.  

सीतापुर हाईवे से सीधा मैलानी पहुंची थी गाड़ी:

तकरीबन 10 से 20 मिनट के बाद उसे कुछ सुंघा दिया जाता है जिससे वह बेहोश हो जाता है. गाड़ी सीतापुर हाईवे से सीधा मैलानी के पास पहुंचती है जो लखीमपुर के आगे है जहां पर कुलदीप यह देखता है कि गाड़ी में बैठे सभी लोग एक ढाबे पर रुके हैं और उनमें से एक शख्स उन पर निगरानी रखे हुए था. जब वह पेशाब करने के लिए उतरा इतने में ही मौका पाकर कुलदीप ने गाड़ी से भागकर सीधे बस पकड़ी और पास के ही एक कस्बे में जाकर एक मेडिकल स्टोर से दवा खरीदी.

लखनऊ में दर्ज हुई एफआईआर:

उसके बाद वह संसारपुर पुलिस चौकी जाकर पुलिस को पूरी बात बताने के बाद अपने घर सूचना दी पुलिस ने लखनऊ पुलिस को सूचना दी कि कुलदीप सिंह नामक एक व्यक्ति का अपहरण हुआ था जो संसारपुर में पुलिस चौकी पर मौजूद है पुलिस भी अगले दिन कुलदीप को वापस लाने के लिए लखीमपुर पहुंच गई . लखीमपुर से आने के बाद कुलदीप ने तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर करी कि उनका अपहरण किया गया लेकिन कुलदीप ने पासपोर्ट से जुड़ा हुआ कोई भी बात नहीं बोली कि उसका कारण पासपोर्ट से जुड़ा हो सकता है लेकिन उसने पुलिस से कार्यवाही की मांग करी है कि जो लोग इसके पीछे हैं उनकी जांच हो।

अभी तक नहीं मिला कोई सुराग:

अब सवाल यह उठता है कुलदीप का अपहरण आखिर किस लिए किया गया क्या वजह थी और क्या कारण था जिसकी वजह से वजह से कुलदीप का अपहरण हुआ। पुलिस ने इंवेस्टिगेशन की जिसमें अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. पहले पुलिस ने कुलदीप के बताए हुए हर ठिकाने पर गई जहां से कुलदीप का अपहरण हुआ था वहां के आसपास के सीसीटीवी खंगाले गए जिसके बाद कोई भी ऐसी गाड़ी नहीं दिखी जो संदिग्ध हो और जिसमें कुलदीप का अपहरण किया गया.

पुलिस ने इटौंजा स्थित टोल प्लाजा पर भी नजर दौड़ाई जिसके बाद टोल प्लाजा पर भी सीसीटीवी में कोई भी इस तरह की गाड़ी ट्रेस नहीं हुई जिसमें कुलदीप का अपहरण किया गया हो पुलिस अभी तो इन सभी चीजों के लिए तहकीकात में जुटी हुई है लेकिन साथ ही पुलिस और कुलदीप की सीडीआर निकलवाने में भी जुट गई है ताकि मालूम पड़ सके कि कुलदीप का मोबाइल की लोकेशन आखिरी वक्त कहां थी फिर मोबाइल को ट्रैक करके उसके मोबाइल की लास्ट लोकेशन भी निकाली जाएगी.

साथ ही सूत्रों से पता चला है कि कुलदीप ने अपनी जान का खतरा बताते हुए एसएसपी दीपक कुमार को एक एप्लीकेशन दी है जिसमें उन्होंने यह लिखा है कि मुझे जान का खतरा है और मुझे एक बंदूक का लाइसेंस प्रोवाइड कर दिया जाये ताकि अपनी सुरक्षा के लिए मैं उसे रख सकूं. अब यूपी पुलिस की जांच के बाद ही सच पता चलेगा.

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