पासपोर्ट प्रकरण में तन्वी सेठ के आरोपों से घिरे पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा के पक्ष में लोगों ने उनके तबादले को रोकने और निष्पक्ष जांच की मांगे शुरू कर दी हैं. न केवल उनके सहकर्मी बल्कि कर्मचारी संगठन और सबसे ज्यादा सोशल मीडिया पर उनके समर्थन की आवाजें बुलंद होंने लगी हैं. 

पासपोर्ट अफसर को मिल रहा समर्थन:

तन्वी सेठ पासपोर्ट प्रकरण में अब जहाँ एक ओर गैर जातीय विवाहित जुड़ा फंसता नजर आ रहा है, वहीं इस पूरे मामले में आरोपी बनाएं गये पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा के समर्थन में लोग उतरने लगे हैं. uttarpradesh.org के द्वारा प्रत्यक्षदर्शी से बात करने और पूरे मामले का खुलासा करने के बाद तन्वी सेठ के आरोप निराधार साबित हो गये .जिसके बाद न केवल कई दल और संगठन उनके समर्थन में उतरें हैं बल्कि सोशल मीडिया पर भी लोग विकास मिश्रा के पक्ष में हैं.

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समर्थन में उतरा कर्मचारी संगठन

ऑल इंडिया पासपोर्ट स्टाफ एसोसिएशन विकास मिश्र के बचाव में उतर आया है। एसोसिएशन ने क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी व केंद्रीय समिति को पत्र लिखकर विकास मिश्रा के ट्रांसफर पर रोक लगाने की मांग की और ऐसा नहीं होने पर प्रदर्शन की बात कही।
संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि विकास मिश्र ने अपनी ड्यूटी निभाई है ताकि कोई भी आवेदक फर्जी नाम और पते से पासपोर्ट जारी न करवा सके। इसलिए दस्तावेजों का सत्यापन करना उनका मुख्य काम है।

आरएसएस का भी समर्थन:

वहीं संघ ने भी पासपोर्ट मामले में फंसे विकास मिश्रा के लिए न्याय की मांग की है. स्वयं सेवक संघ के एक प्रचारक राजीव तुली में कहा कि इस मामले में जाँच होनी चाहिए.

इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कानून से ऊपर नहीं हैं, उन्हें अपने अधिकारी का पक्ष भी सुनना चाहिए था. हालांकि बाद में तुली ने ये भी कहा, ‘यह आरएसएस का नहीं बल्कि मेरा निजी विचार है. इस मामले की सही तरह से जांच होना चाहिए.’

सहकर्मचारी भी समर्थन में:

गोरखपुर तबादला होने के बाद भी शुक्रवार को सीनियर सुपरिंटेंडेंट विकास मिश्र ने रोजाना की तरह पासपोर्ट सेवा केंद्र पर ड्यूटी की। इसके लिए किसी वरिष्ठ अधिकारी ने उन्हें मना नहीं किया बल्कि पासपोर्ट कार्यालय में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी के फैसले को लेकर काफी नाराजगी रही.

सूत्रों के मुताबिक़ खुद क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा भी यह मानते हैं कि मामले में विकास मिश्रा की गलती नहीं है। लेकिन दबाव में उन्हें भी कार्रवाई करनी पड़ी. जिसके चलते ही विकास मिश्र को लखनऊ में ड्यूटी करने से रोका नहीं गया.

सोशल मीडिया भी भी विकास मिश्रा का समर्थन:

वहीं सोशल मीडिया पर भी जहाँ लोग तन्वी सेठ को ट्रोल कर रहे हैं, वहीं विकास मिश्रा के पक्ष में उनके खिलाफ कारवाई को रोकने की मांग कर रहे हैं.

tanvi seth case passport officer Vikas Mishra get support

पासपोर्ट अधिकारी पर आरोप लगाने के बाद मीडिया से सुर्खियाँ और लोगों की सहानभूति लेने वाली तन्वी सेठ अब सोशल मीडिया पर आलोचनाओं का भी शिकार हो रही हैं. वहीं पासपोर्ट मामले में अधिकारी के तबादले के बाद लोगों का उनके पक्ष में समर्थन भी बढ़ता जा रहा है.

tanvi seth case passport officer Vikas Mishra get support

क्या है मामला:

गौरतलब है कि तन्वी और उनके पति अनस बुधवार को पासपोर्ट बनवाने गए थे। सीनियर सुपरिटेंडेंट विकास मिश्र ने तन्वी के निकाहनामे व अन्य दस्तावेज पर सवाल उठाए थे। इसे लेकर दोनों में बहस हुई।

तन्वी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से ट्वीटर पर इसकी शिकायत की थी कि उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जा रहा है। विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद बृहस्पतिवार को क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने घंटे भर में तन्वी का पासपोर्ट बनवाकर दे दिया था।

नियम को ताक पर रखकर बना तन्वी सेठ का पासपोर्ट, जांच की प्रबल संभावनाएं

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