पिछले महीने की 27 तारीख को देर रात करीब 12 बजे कानपुर नौबस्ता थाने के पास हुए तपेश हत्याकांड (tapesh murder case) मामले में एक बड़े षडय़ंत्र की बात सामने आ रही है।

  • बताया जा रहा है कि चुनावी प्रतिस्पर्धा और वर्चस्व की जंग इस हत्याकांड की मुख्य वजह बनी।
  • इसका मुख्य षड्यंत्रकारी आदर्श प्रताप सिंह पुत्र दुर्गेश सिंह निवासी ग्राम- बम्मुराहा, घाटमपुर (वर्तमान ग्राम प्रधान) है जो बेहद ही शातिर दिमाग का है।
  • वर्तमान में गल्लामंडी के पास ही नौबस्ता कानुपर में रहता है।
  • अपनी सुरक्षा के नाम पर अपने साथ 315 बोर का तमंचा हमेशा रखता है।
  • आरोप है कि आदर्श अपने आस-पास के लोगों के बीच तोडफ़ोड़ की राजनीति करता है।
  • साथ ही जो लोग उसकी बात नहीं मानते उन्हें नाजायज परेशान भी करता है।
  • वहीं आगामी सभासद के चुनाव में अपने प्रत्याशी को जिताने के लिए विपक्षियों को कमजोर कर अपना वर्चस्व बनाए रखना चाहता है।

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साथ पढ़े लेकिन बन गए विरोधी

  • प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, संजू सिंह और आदर्श प्रताप सिंह एक साथ पढ़े हुए हैं और अच्छे दोस्त भी थे।
  • लेकिन राजनीतिक प्रतिस्पर्धा एवं वर्चस्व की जंग में आदर्श संजू का कड़ा विरोधी हो गया।
  • अगामी सभासदी चुनाव में संजू एक प्रभावी उम्मीदवार साबित हो रहा था।
  • उसकी जीत लगभग निश्चित मानी जा रही थी।
  • इस प्रभाव को देखते हुए आदर्श चिन्तित था और संजू पर चुनाव न लड़ने के लिये भी लगातार दबाव बना रहा था।
  • जब संजू इस बाबत पीछे नहीं हटा तो आदर्श ने एक खौफनाक षडयंत्र रच डाला।
  • इसी षड्यंत्र के तहत गत 27 मई को आदर्श ने संजू सिंह सहित कई साथियों को लेकर शराब पार्टी का आयोजन किया।
  • इसी दौरान संजू की दूसरे साथियों से कुछ बहस हो गई।
  • मौके का फायदा उठाकर आदर्श ने संजू को तपेष के खिलाफ भड़काया और फोन करके तपेश से पैसों का तगादा करने को उकसाया।
  • शराब के नशे में संजू ने (tapesh murder case) तपेश को भलाबुरा कहा जिसे तपेश ने आदर्श के कहने पर अपने फोन पर रिकॉर्ड कर लिया।

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फोन पर हुए झगड़े के बाद पहुंचा थाने

  • फोन पर हुए झगड़े को लेकर तपेश थाना नौबस्ता में रिपोर्ट करने पहुंचा तो इस डर से संजू भी वहां पहुंचा कि कहीं उसके खिलाफ रिपोर्ट न हो जाये।
  • इस आपसी विवाद को भड़काने के मकसद से आदर्श भी संजू के साथ गया।
  • नौबस्ता थाने के बाहर ही जब झगड़ा ज्यादा बढ़ गया।
  • रात के अंधेरे में मौका देखकर आदर्श ने गोली चला दी।
  • गोली सीधे तपेश वर्मा को लगी जिससे वह बुरी तरह घायल होकर गिर पड़ा, बाद में उसकी मौत हो गई।
  • वारदात से घबराकर संजू भागा इतने में आदर्श ने तमंचा संजू की तरफ फेंका।
  • संजू ने तमंचा उठा लिया। पुलिस आते देख वह भी तमंचा फेंककर भागने लगा, लेकिन पकड़ा गया।
  • शातिर दिमागी आदर्श इसी मौके की तलाश में था।
  • उसने तुुरन्त संजू सिंह, अंशू सिंह (छोटा भाई) तथा अपने एक अन्य विरोधी श्याम किशोर प्रसाद के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करावा दी और मृृतक तपेश वर्मा का पक्षधर बन गया।

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घटना वाले दिन शहर में ही नहीं था आरोपी जयपाल

  • वारदात के बाद आदर्श को लगा कि संजू के पक्ष में इसके पिता जयपाल सिंह कोई पैरवी न कर सकें तो उनका नाम भी इस हत्याकांड से जोड़ दिया।
  • इस प्रकार पूरे मामले में चार झूठे नाम लगाकर आदर्ष प्रताप ने अपने आपको सुरक्षित कर लिया।
  • वहीं स्थानीय लोगों के मुताबिक हत्याकांड का मुख्य आरोपी बने संजू के पिता जयपाल सिंह एक अच्छी छवि वाले एवं ईमानदार चकबन्दी कर्मचारी हैं।
  • जो वन्दोवस्त चकबन्दी अधिकारी, जनपद उन्नाव में कार्यरत हैं।
  • वहीं षडयंत्र के तहत नामजद आरोपी बने जयपाल सिंह इस घटना वाले के दिन उन्नाव में अपने विभागीय कामकाज में व्यस्त थे।
  • फिलहाल इस पूरे प्रकरण (tapesh murder case) में पुलिस क़ानूनी कार्रवाई कर रही है।

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