वैसे तो उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, सब पढ़ें- सब बढ़ें के वादे करती रहती है और तो और सरकारी अध्यापको को भरपूर पेमेंट भी मिलती है। बाबजूद इसके सरकारी अध्यापक अपनी जिम्मेदारियों से पीछे भागते नजर आ रहे है। सब पढ़ें सब बढ़ें वाली योजना कैसे सफल होगी अगर बच्चों को पढ़ने वाले अध्यापक स्कूल आएंगे ही नहीं? सरकार के बड़े बड़े दावे खोखले साबित हो रहे हैं और इस के पीछे सरकारी कर्मचारी ही हैं।
खुद को विधायक का करीबी बताते हुए लेट से आते हैं मास्टर:
ताज़ा माला झाँसी के एक प्राथिमक विद्यालय मढा तहसील गरौठा ब्लाक गुरसराय का है। जहाँ स्कूल खुलने का समय सुबह 8 बजे का है लेकिन मास्टर साहब अपने आप को एक विधायक का करीबी बताते हुए अपनी मर्जी के अनुसार हर रोज स्कूल लेट आते है।
बच्चे पहले स्कूल पहुँच कर फर्श या दीवारों पर बैठ के अपने मास्टर जे का इंतजार करते हैं। स्कूल का गेट और क्लासों को खुद बच्चे ही खोलते हैं।
जब बच्चो से इस सम्बंध में बात की तो उन्होंने बताया कि सर लेट ही आते है उनका नाम हरिओम पटेल है और स्कूल में प्रधानाचार्य भी है। अब देखना यह है कि झाँसी बीएसए इस प्रकरण में क्या कार्यवाही करते है।