उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगरा तहसील में डाक बंगला रोड स्थित एक स्कूल में शिक्षिका की पिटाई से एक छात्रा की मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने छात्रा का शव स्कूल के सामने रखकर धरने पर बैठ गए और विद्यालय प्रशासन के विरूद्ध कार्रवाई की मांग करने लगे। सैकड़ों की संख्या में गुस्साए लोगों ने परिजनों को न्याय दिलाये जाने की मांग को लेकर घंटों प्रदर्शन कर नारे लगाते रहे। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस परिजनों को समझाने का प्रयास किया जिसके बाद छात्रा का शव पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया।

बताते चलें कि रसड़ा कोटवारी मोड़ निवासी संतोष वर्मा की 12 वर्षीय पुत्री सुप्रिया प्रतिदिन की भांति मंगलवार को भी स्कूल गई। वह कक्षा चार की छात्रा थी। शिक्षा के दौरान शिक्षिका ने सुप्रिया की पिटाई कर दी। शिक्षिका की पिटाई से घायल परिजनों ने उसे रसड़ा सीएचसी में भर्ती कराया जहां हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने वाराणसी के लिए रेफर कर दिया। उसे वाराणसी के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।

बुधवार को सुबह परिजनों ने लाश को लेकर विद्यालय गेट के बाहर रखकर धरने पर बैठ गए और विद्यालय प्रशासन के विरूद्ध कार्रवाई की मांग करने लगे। छात्रा की मौत की सूचना मिलते ही आस-पास के अभिभावकों में हड़कंप मच गया और सैकड़ों की संख्या में गुस्साए लोगों ने परिजनों को न्याय दिलाये जाने की मांग को लेकर घंटों प्रदर्शन कर नारे लगाते रहे।

 

घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस

घटना की सूचना पर आनन-फानन में क्षेत्राधिकारी अवधेश चौधरी, प्रभारी निरीक्षक जगदीश चंद्र यादव तथा चौकी इंचार्ज संतोष त्रिपाठी सहित भारी संख्या में पुलिस वहां पहुंच गई। परिजनों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया। लगभग दो घंटे तक के अथक प्रयास के बाद परिजनों ने छात्रा के शव को लेकर अपने घर चले गए बाद शव को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बलिया भेज दिया।

 

शिक्षिका की पिटाई से सिर में लगी थी चोट

पुलिस को दी गई तहरीर में छात्रा के पिता संतोष वर्मा ने आरोप लगाया कि कक्षा में पढ़ाई के दौरान शिक्षिका रजनी उपाध्याय ने उसकी पिटाई कर दी थी। जिससे उसके सिर में चोट लग गई थी। इस बीच उसकी तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे तत्काल सीएचसी ले गए। जहां से उसे मऊ रेफर कर दिया गया। मऊ में कुछ देर के इलाज के बाद तबीयत न ठीक होने पर उसे बीएचयू ट्रामा सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया। जहां भोर में उसकी मौत हो गई।

 

समय से मिलती सूचना तो बच सकती थी जान

तहरीर में छात्रा के पिता ने आरोप लगाया है कि यदि समय रहते विद्यालय प्रशासन ने उन्हें सूचना दे दी होती तो उसे बचाया जा सकता था। स्कूल पर हो रहे हंगामा के दौरान पहुंचे अपर जिलाधिकारी मनोज कुमार सिंगल, अपर पुलिस अधीक्षक विजय पाल सिंह ने छात्रा की मौत पर विद्यालय के प्रबंधक व प्रधानाचार्या से काफी देर तक पूछताछ की। बाद में पुलिस ने मामले को पंजीकृत कर त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी शिक्षिका रजनी उपाध्याय सहित संगीता सिंह व प्रबंधक मुन्ना सिंह को हिरासत में ले लिया है।

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