बुलन्दशहर  मे आज सैंकड़ों  शिक्षा प्रेरकों ने कलेक्ट्रेट के गेट पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया| गुस्साए संविदा कर्मियों ने इस मौके पर जमकर हंगामा भी काटा, हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों में महिलाएं भी शामिल रहीं |
संविदा पर काम करने वाले सभी प्रेरकों ने कहा कि वे सभी करीब 30 महीने से बिना वेतन के काम कर रहे थे, जबकि बिना किसी पूर्व सूचना के उनकी सभी सेवाएं भी सरकार ने समाप्त कर दी हैं|

प्रेरकों का आरोप:

गुस्साए प्रेरकों का कहना है कि  वे अधिकारियों के चक्कर लगा-लगा के परेशान हो चुके हैं| कोई उनकी दिक्कत को सुनना नहीं चाहता।
घेराव करने वाले प्रेरकों ने बताया कि  अधिकारियों  से कई बार गुहार लगाने के बावजूद भी उनकी समस्या को कोई नहीं समझना चाहता|
गुस्साए प्रेरकों ने अपनी समस्याओं से सम्बंधित  सिटी मजिस्ट्रेट को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन  दिया|
इससे पहले शिक्षा प्रेरकों ने अपने  बकाया मानदेय व संविदा बहाली के सम्बंध  में जल्द मदद की मांग की ।

गुस्साए शिक्षकों ने दिया धरना:

 बुलन्दशहर में आज संविदा पर काम करने वाले सैंकड़ों शिक्षा प्रेरकों ने फिर एक बार गुस्से में  हुंकार भरी|
गुस्साए  शिक्षा प्रेरकों ने अपनी समस्याओं को लेकर शहर के मनका  पार्क में धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ खूब हुंकार भरी ।
प्रेरकों ने सरकारी मशीनरी और अफसरों पर गम्भीरता न दिखाने और अनदेखी करने का आरोप लगाया।

क्या है पूरा मामला:

हम आपको बता दें कि पूरे जनपद में करीब 1800 शिक्षा प्रेरक हैं जो सरकार के निर्देश पर  हाउस होल्ड सर्वे ,बी एल ओ ,निरक्षरों को पढ़ाने का काम और ज़रूरत पड़ने पर राशन कार्ड जनगणना जैसे ज़रूरी कार्यों को करते थे, अब बिना किसी कारण के सभी को हटा दिया गया है।गुस्साए महिला पुरुषों ने जिले के सभी जन प्रतिनिधियों पर भी समर्थन न करने का आरोप लगाया,चेतावनी देते हुए प्रेरकों ने कहा   कि अगर जल्द ही उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं किया गया तो वे किसी भज हद ताज जाकर सरकार और सिस्टम का विरोध करेंगे।
फिलहाल शिक्षा प्रेरक अपनी दिक्कतों से जूझ रहे हैं वहीं 30 महीने से  मानदेय न मिलने से आर्थिक  दिक्कतों से भी गुजर रहे हैं।
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