कुंभ में हर आय वर्ग के श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए टेंट सिटी, पीजी और होटल उपलब्ध हैं। अगर आप टेंट में रुकना चाहते हैं तो कल्पवृक्ष (www.kalpvrikash.in, मोबाइल-9415247600), कुंभ कैनवास (www.kumbhcanvas.com, मोबाइल-6388933340), वैदिक टेंट सिटी (www.kumbhtent.com, मोबाइल-9909900776), इंद्रप्रस्थम सिटी (www.indraprasthamcity.com, मोबाइल-8588857881) पर संपर्क करके बुकिंग करवा सकते हैं। टेंट सिटी में 1000 से 35 हजार रुपये तक के सामान्य और लग्जरी टेंट उपलब्ध हैं।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग भी श्रद्धालुओं को रहने की सुविधा दे रहा है। हालांकि, पहले व दूसरे शाही स्नान पर टेंट कॉलोनी में बुकिंग फुल हो चुकी है। शहर में सामान्य से लेकर तीन सितारा सुविधाओं वाले होटल भी हैं, लेकिन जनवरी से मार्च तक इनमें ठहरने के लिए आपको 3,000 से 15,000 रुपये रोज चुकाने होंगे। इसके अलावा इलाहाबाद जंक्शन पर करीब 10,000 यात्रियों की क्षमता वाले चार रैनबसेरे बनाए गए हैं। इन रैनबसेरों में वेंडिंग स्टॉल, वॉटर बूथ, टिकट काउंटर और टीवी भी होंगे। 375 किमी लंबी कुंभनगर की सड़कों पर 73120 से अधिक चकर्ड प्लेट बिछाई गईं हैं। 22 पांटून पुलों से होकर कुंभ मेला क्षेत्र में संगम तक श्रद्धालु पहुंचेंगे, यहाँ 18 सेक्टर में स्नान घाट बनाए गए हैं।

बता दें कि मंकर संक्रांति के मौके पर प्रयागराज में श्रद्धालुओं ने सोमवार की सुबह आस्था की डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम पर स्नान किया। इसी तरह का नजारा वाराणसी के गंगा घटों पर भी देखने को मिला। मंकर संक्रांति के मौके पर यहां भी भारी संख्या में भक्तों ने गंगा स्नान किया। कुंभ के प्रथम स्नान मकर संक्रांति पर 15 जनवरी को देश-दुनिया के कोने-कोने से आने वाले संतों-भक्तों को पहली बार पुण्य की डुबकी लगाने के लिए आठ किमी लंबा संगम का किनारा मिलेगा। विश्व भर में इस कुंभ के प्रचार-प्रसार को देखते हुए कुंभ मेला प्रशासन ने पुराणों के आधार पर धर्माचार्यों की मदद से संगम का नया विस्तार कर रविवार को स्नान की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया। इस बार शिवकुटी से लेकर अरैल में सोमेश्वर महादेव के बीच गंगा के दोनों तटों पर बनाए गए स्नान घाटों पर संगम की डुबकी लगेगी। मेला प्रशासन ने मकर संक्रांति स्नान पर 1.50 करोड़ से अधिक भक्तों के प्रयागराज पहुंचने का अनुमान लगाया है। कड़ी सुरक्षा के बीच श्रद्धालु संगम स्नान कर दुनिया के सबसे बड़े संत-भक्त समागम का हिस्सा बनेंगे।

मकर संक्रांति पर फाफामऊ से अरैल के बीच बने स्नान घाटों पर श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे। 20 सेक्टर में बसे कुंभनगर के 18 सेक्टरों में गंगा के दोनों किनारों पर संगम स्नान के लिए घाट बनाए गए हैं। घाटों पर स्नान के दौरान श्रद्धालु गहरे पानी न जाने पाएं, इसके लिए बैरीकेडिंग कराई गई है। साथ ही सुरक्षा जाल भी लगवा दी गई है, ताकि डुबकी लगाने के दौरान अगर किसी का पैर फिसल जाए तो भी वह गहरे जल में न जाने पाए। हर स्नान घाटों पर मजिस्ट्रेट और सीओ की ड्यूटी लगा दी गई है। साथ ही गोताखोरों के दस्ते भी लगातार स्नान घाटों पर तैनात हैं। जल पुलिस मोटरबोट से संगम के लंबे जलमार्ग पर लगातार गश्त कर कर रही है। स्नानार्थियों की सुविधा के लिए सेक्टरवाइज पहुंच मार्गों पर 95 स्थानों पर पार्किंग बनाई गई है। वाहनों से आने वाले तीर्थयात्रियों को संगम जाने से पहले मेला क्षेत्र के सभी रूटों पर पार्किंग मिलेगी। एहतियात के तौर पर स्नान की व्यवस्था के लिए एनडीआरएफ के अलावा पुलिस, पीएसी और आरएएफ को तैनात कर दिया गया है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]कुंभ मेला में ये होगा खास[/penci_blockquote]
➡कुंभ मेले के लिए प्रयागराज शहर को सजाया गया है। पेंट माय सिटी के तहत शहर के सभी महत्वपूर्ण चौराहे और इमारतें कुंभ के रंग में हैं। वैसे तो समूचा कुंभ मेला क्षेत्र ही अपने आप में देखने लायक है, लेकिन कुछ ऐसी जगहें भी हैं, जहां भारतीय कला और संस्कृति के नजदीक से दर्शन हो सकेंगे।
➡अखाड़ों में जहां नागा संतों की दिनचर्या और अनूठी मुद्राएं देखने को मिलेंगी, वहीं अरैल मेला क्षेत्र में बनाए गए संस्कृति और कला ग्राम में पूरे भारत की झलक दिखाई देगी।
➡कला ग्राम के पास ही उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र का पंडाल है। जहां देश के सात सांस्कृतिक केंद्रों की प्रस्तुति रोज होगी।
➡कुंभ में आने वाले लोग पहली बार अकबर के किले में अक्षयवट और सरस्वती कूप के भी दर्शन कर सकेंगे। इसके अलावा 12 माधव की परिक्रमा और क्रूज की सवारी का भी आनंद ले सकेंगे।
➡अरैल मेला क्षेत्र और मुख्य मेला क्षेत्र में भी कई सेल्फी पॉइंट बनाए गए हैं, जहां से लोग कुंभ की यादें संजो सकेंगे।
➡पर्यटन विभाग लोगों के लिए हेलिकॉप्टर राइड की व्यवस्था भी कर रहा है। इसके अलावा लेजर शो का आनंद भी पर्यटक उठा सकेंगे।

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