छतीसगढ़ के सुकमा सेक्टर में शहीद हुए बलिया के लाल का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा। जिसके बाद गांव में करूण क्रंदन शुरू हो गया। शहीद का पार्थिव शरीर देखने के लिए भारी मात्रा में लोग शहीद के घर पहुंचे हुए थे। जहां लोगों ने वंदे मातरम् और भारत माता की जय के नारे लगाए। इस दौरान शहीद की पत्नी गश खाकर गिर गई। जिसके बाद परिजनों ने उसे संभाला।

बलिया जिले के उसरौली ग्राम में शहीद मनोज कुमार सिंह के पार्थिव शरीर बुधवार की शाम पैतृक आवास पहुंचा। जहां शहीद के पार्थिव शरीर के आने का इंतजार में सुबह से ही उनके दरवाजे पर लोगों की भीड़ इक्टठा होने लगी। शाम लगभग 6ः30 पर जैसे ही मनोज का पार्थिव शरीर उसरौली गांव पहुंचा जन सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान लोगों ने शहीद मनोज सिंह अमर रहे, वंदे मातरम औरा भारत माता की जय के नारे लगाए। वहीं दूसरी ओर महिलाओं की हृदयविदारक और करुण क्रंदन से हर किसी का कलेजा फटा जा रहा था। शहीद का पार्थिव शरीर देखकर हर किसी की आंखें नम हो जा रही थीं। शहीद मनोज सिंह की पत्नी जैसे ही पार्थिव शरीर के पास आई बेहोश होकर गिर पड़ी। महिलाओं ने उन्हें संभाला। वहीं पिता नरेंद्र नारायण सिंह अपने दोनों साथियों को गोद में लिए हुए फफक कर रो रहे थे।

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मंत्री व नेता सहित अधिकारी पहुंचे

राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार उपेंद्र तिवारी, जिलाधिकारी बलिया, पुलिस अधीक्षक, संग्राम सिंह यादव, जिला पंचायत के पूर्व चेयरमैन राजमंगल यादव, सपा के फेफना विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष प्रभुनाथ यादव ,नगर पंचायत चितबड़ागांव के चेयरमैन केशरीनन्दन त्रिपाठी, पूर्व चेयरमैन वृजकुमार सिंह सहित क्षेत्रीय लोक एवं जिले के तमाम अधिकारी गण उपस्थित थे।

शहीद की प्रतिमा लगाने की मांग

मनोज सिंह के परिजन ने जिलाधिकारी से मांग की है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का नाम शहीद मनोज सिंह के नाम पर किया जाए। वहीं सार्वजनिक स्थल पर शहीद की एक प्रतिमा स्थापित करने की मांग की है। जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है कि शासन स्तर से हर सुविधा मुहैया कराई जाएगी तथा शासन को सिफारिश की जाएगी और शहीद का उचित सम्मान होगा।

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