कारगिल के द्रास सेक्टर में हुए हिमस्खलन में शहीद हुए उत्तर प्रदेश के एटा जिले के लाल का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंचा। शहीद का पार्थिव शरीर गांव में पहुंचते ही कोहराम मच गया। अंतिम दर्शन करने के लिए लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान लोगों ने भारत माता के जयकारे के साथ शहीद के नाम से नारा लगाते रहे। 
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते दिनों कारगिल के द्रास सेक्टर में हुए हिमस्खलन में एटा के नरेश बाबू शहीद हो गए थे। जिसकी जानकारी सेना के अधिकारियों द्वारा परिजनों को दी गई थी। घटना की जानकारी मिलने के बाद माता-पिता, पत्नी और बच्चे समेत पूरे गांव में कोहराम मच गया था। परिजनों ने बताया कि 3 दिन पूर्व द्रास में भारी मात्रा में हिमस्खलन हो गई था जिसके कारण ड्यूटी करते वक्त जवान नरेश बाबू शहीद हो गए थे जिसकी जानकारी परिवार को सेना के अधिकारियों ने दी। शहीद के भाई अनिल कुमार ने बताया कि भाई का पार्थिव शरीर शनिवार की देर शाम तक दिल्ली पहुंच गया था, जहां से सड़क मार्ग से एटा स्थित पैतृक लाया गया। शहीद का शव गांव में पहुंचते ही गांव में मातम पसर गया। परिजनों का रोते रोते बुरा हाल हो गया। यह देख सभी लोगों की आंखे नम हो गई थी। 

1993 में सेना में हुए थे भर्ती 

परिजनों ने बताया कि शहीद नरेश बाबू 1993 में सेना में भर्ती हुए थे। नरेश को अपने देश से बचपन से ही लगाव था इसीलिए वह सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहता था। जिसके बाद वह सेना में भर्ती होने के लिए मेहनत करने लगा और 1993 में सेना में भर्ती हो गया। सेना में भर्ती होने के बाद वह बहुत ही खुश था। अपने देश की सीमा की रक्षा करके वह खुद पर गर्व महसूस करता था। इस बात पर परिजनों को भी गर्व है कि नरेश देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। 
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