भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि देश के विकास को अटकाकर और भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए तंत्र में मामलों को लटकाकर जनता को गुमराह करने वाली भ्रष्टाचार की आरोपी कांग्रेस व विपक्षी दल अपने पापों को छिपाने के लिए अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। जिन लोगों ने दशकों से भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और शासनतंत्र को भ्रष्टाचारियों के हाथों गिरवी रखने का काम किया है, उन्हें अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा एक-एक कर देश लूटने वालों को जेल पहुंचाने के काम से बड़ी तकलीफ हो रही है।प्रधानमंत्री मोदी देश लूटने वालों को सजा दिलाकर रहेंगे। साथ ही जनता का पाई-पाई पैसा वापस लाएंगे।

डॉ. पांडेय ने कहा कि मोदी सरकार पहले दिन से ही भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त रही है। सरकार बनते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा काले धन पर जांच के लिए एसआईटी गठन, नोटबंदी और बेनामी संपत्ति कानून बनाकर भ्रष्टाचारियों को कानून के शिकंजे में लाने का प्रयास कामयाब हुआ है। इसलिए भ्रष्टाचार के संरक्षक कांग्रेस व विपक्षी दलों के नेता खुद के बेनकाब होने के डर में अपने पाप को दूसरों पर मढकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा की गई नोट बंदी के बाद दो लाख से अधिक मुखौटा कंपनियां बंद हुईं। सरकार ने भ्रष्टाचार करने वाले लोगों और अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की है। कांग्रेस ने अपने शासन काल में चहेते उद्योगपतियों को भारी भरकम लोन, एलओयू और एलओसी दिलाकर बैंकों के 82 प्रतिशत पूंजी एनपीए बना दिया। कांग्रेस ने इससे भी बड़ा पाप करते हुए बैंकों के एनपीए को बताने में भी भ्रष्ट तरीका अपनाया और वास्तविक एनपीए के परिमाण को छिपाकर रखा। मोदी सरकार ने कांग्रेस के इस पाप के कारण देश को हुई हानि से उबारने के लिए दिनरात काम कर रही है। भाजपा के शासन में किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचारी बख्शे नहीं जाएंगे।

उन्होंने कहा कि पीएनबी घोटाले में तत्कालीन कांग्रेसनीत यूपीए सरकार की संलिप्तता जाहिर होती जा रही है। नियम-कानून ताक पर रखकर जनता के पैसे को भ्रष्टाचारियों को दिलाने और इसके एवज में बड़ा लाभ लेने में कांग्रेस के नेता व तत्कालीन वित्तमंत्री पी. चिदम्बरम सहित कांग्रेस के अनेक नेताओं की भूमिका जबावदेह है। दस साल तक जनता को लूटने वाली कांग्रेस नीत यूपीए सरकार पर लाखों-करोड़ों के घोटाले कराने का आरोप है। मुखौटा कंपनियों के जरिए कांग्रेस के नेताओं ने घोटालों के धन को ठिकाने लगाने में न केवल मदद की, बल्कि स्वयं भी इन घोटालों में शामिल रहे। मनी लांड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में पी. चिदम्बरम व उनके बेटे कार्तिक चिदम्बरम की भूमिका पहले ही दागी के रूप में सामने आ रही है। अब पीएनबी घोटाले सहित इस तरह के अन्य घोटालों में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। डॉ. पांडे ने कहा कि विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे कितने लोगों कोे उस समय सरकार में शामिल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने हजारों करोड़ के लोन दिलवाए और इन डिफाल्टरों को कानून के शिकंजे से बचाते हुए देश से भागने में मदद की। मोदी राज में अब इस तरह के डिफाल्टर बच नहीं पायेंगे।

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