प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर सोमवार को लखनऊ जिला जेल में बंद तीन बंदियों को रिहाई का तोहफा मिल गया। अपने जुर्म की सजा काट चुके यह बंदी जुर्माने का भुगतान न कर पाने के कारण बंद थे। जैसे ही बंदी जेल से रिहा हुए उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा। आजाद हुए बंदियों ने अपराध छोड़ कर सही रास्ते पर चलने की ठान ली है।

जेल अधीक्षक पीएन पांडेय ने बताया कि रिहा होने वाले बंदियों में संतकबीर नगर प्रसाद पुर दुधारा निवासी तौफीक पुत्र अजीउल्लाह, हरदोई अतरौली के अइमा गांव का रमेश उर्फ छुटक्के और पारा रिंग रोड स्थित आर्शिवाद भवन के पास रहने वाला तन्नु शुक्ला है। तौफीक 29 अगस्त 2014 को विकासनगर थाने से चोरी के मामले में बंद हुआ था। इस पर कोर्ट द्वारा तीन हजार रुपये जुर्माना लगाया गया था।

वहीं, रमेश चोरी के मामले में गोमतीनगर थाने से 20 दिसंबर 2017 को बंद हुआ था। उस पर 1500 रुपये का जुर्माना लगा था। जबकि, रमेश उर्फ छुटक्के पारा रिंग रोड स्थित आर्शिवाद भवन के पास का रहने वाला है। वह चारबाग जीआरपी से 16 मई 2018 को बंद हुआ था। उस पर 500 रुपये जुर्माना कोर्ट ने लगाया गया था। यह सभी अपराधी अपने जुर्म की सजा काट चुके थे लेकिन जुर्माना की राशि नहीं चुका पाए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर सोमवार को शासन के निर्देश पर सारी अर्हताएं पूरी होने के बाद उक्त तीनों लोगों को छोड़ दिया गया। एक संस्था द्वारा जुर्माने की राशि दी गई है।

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